लाल कलावा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है. इसे अक्सर कलाई या गले में बांधा जाता है. इसे मौली, रक्षा सूत्र या धागा भी कहा जाता है. लाल रंग को शुभ माना जाता है और यह शक्ति, ऊर्जा और सौभाग्य का प्रतीक है. मान्यता है कि लाल कलावा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है और बुरी नजर से बचा जा सकता है. यह हिंदू धर्म में एक पवित्र धागा माना जाता है और इसे देवताओं का आशीर्वाद माना जाता है. शादियों, जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर लाल कलावा बांधा जाता है. कुछ लोग मानते हैं कि लाल कलावा बांधने से देवताओं से जुड़ाव महसूस होता है.
सौभाग्य: लाल कलावा को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है.
- लाल कलावा अगर तुलसी में बांधा जाए तो विपदा नहीं आती
- पीपल पर लाल कलावा बांधने से सुख समृद्धि बनी रहती है.
- शमी पर लाल कलावा बांधने से राहु केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.
- अगर केले के पेड़ पर आप लाल कलावा बांधते हैं तो इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और आपकी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है.
लाल कलावा बांधने का तरीका
लाल कलावा को किसी भी शुभ मुहूर्त में बांधा जा सकता है. इसे बांधने से पहले इसे गंगाजल या पवित्र जल से धो लेना चाहिए. इसे तीन बार दाहिने हाथ से घुमाकर बांधा जाता है. लाल कलावा धर्म और संस्कृति से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रतीक है. यह लोगों को सुरक्षा, आशीर्वाद और सौभाग्य प्रदान करता है. हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी राशियों के लिए लाल कलावा शुभ नहीं होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)