आज से वैशाख मास का महीना शुरू हो गया है. आमतौर पर वैशाख का महीना अप्रैल के शुरू में ही शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल द्विमास होने वैशाख मास थोड़ी देर से आया है. विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसको वैशाख कहा जाता है. इस महीने में धन प्राप्ति और पुण्य प्राप्ति के तमाम अवसर आते हैं. मुख्य रूप से इस महीने में भगवान विष्णु, परशुराम और देवी की उपासना की जाती है. वैशाख में विष्णु भगवान की पूजा और पीपल को सींचने का महत्व है. मान्यता है कि इस महीने भगवान विष्णु को सुबह, दोपहर और शाम को राम व श्याम तुलसी चढ़ाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस महीने में तीर्थ स्नान के बाद पीपल को जल, कच्चा दूध व जल चढ़ाकर दीपक लगाने की शास्त्रोक्त परंपरा है.
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वैशाख में ही शिवलिंग पर बांधी जाती है गलंतिका
वैशाख मास से गर्मियों की शुरुआत हो जाती है. इसी महीने में शिवलिंग के ऊपर गलंतिका (एक मटकी जिसमें से बूंद-बूंद पानी टपकता रहता है) बांधी जाती है. इसके पीछे मान्यता है कि भगवान शिव के गले में जो विष है, उसके कारण उनके शरीर की गर्मी बहुत बढ़ जाती है. इसी को शांत करने के लिए शिवलिंग पर गलंतिका बांधी जाती है.
वैशाख मास का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार, महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था. इसमें व्रती (व्रत रखने वाला) को प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पूर्व किसी तीर्थस्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देते समय नीचे लिखा मंत्र बोलना चाहिए-
वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:।
अर्ध्य तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।
वैशाख महीने के मुख्य व्रत और त्योहार
इस महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा उपासना की जाती है. इसी महीने में भगवान बुद्ध और परशुराम का जन्म भी हुआ था. इस महीने में भगवान ब्रह्मा ने तिलों का निर्माण किया था, अतः तिलों का विशेष प्रयोग भी होता है. इसी महीने में धन और संपत्ति प्राप्ति का महापर्व अक्षय तृतीया भी आता है. इसी महीने में मोहिनी एकादशी आती है जो श्री हरी की विशेष कृपा दिल सकती है.
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इस महीने इन बातों का रखें ध्यान
इस महीने गर्मी काफी बढ़ जाती है. इसलिए तमाम तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. इस महीने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. रखा हुआ खाना इस महीने भूलकर भी ना खाएं, क्योंकि उसमें बैक्टीरिया काफी जल्दी पैदा हो जाते हैं. इस महीने में पानी का प्रयोग बढ़ा देना चाहिए और तेल वाली चीजें कम से कम खानी चाहिए. जहां तक हो सत्तू और रसदार फलों का प्रयोग करना चाहिए और देर तक सोने से भी बचना चाहिए.
गर्मी से बचने के लिए सूर्योदय के समय ही स्नान करें. प्रयत्न करें कि नित्य प्रातः सूर्योदय के पूर्व उठ जाएं. गंगा नदी, सरोवर या शुद्ध जल से स्नान करें. जल में थोड़ा तिल भी मिलाएं. इसके बाद श्री हरि विष्णु की उपासना करें. जल का संतुलित प्रयोग करें. जल का दान भी करें. महीने की दोनों एकादशियों का पालन करें.
HIGHLIGHTS
- इस महीने भगवान विष्णु की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं
- पीपल को जल, कच्चा दूध व जल चढ़ाने से लाभ होता है
- इस महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा उपासना की जाती है