Vaishakh Month 2022: भगवान विष्णु के वैशाख का शनिदेव से क्या है नाता? जानें इस माह और माह में किये जाने वाले दान का महत्व

हिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख शुरू हो गया है. ब्रह्मा ने वैशाख माह को सर्वश्रेष्ठ माना है. इस माह में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साथ में पूजा का विधान है. शास्त्रों के अनुसार, वैशाख माह में किये गए दान और स्नान अत्यंत फलदायी माने जाते हैं.

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Gaveshna Sharma
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भगवान विष्णु के वैशाख का शनिदेव से क्या है नाता?

भगवान विष्णु के वैशाख का शनिदेव से क्या है नाता?( Photo Credit : Social Media)

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Vaishakh Month 2022: हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) का पहला महीना चैत्र समाप्त हो चुका है और दूसरे महीने वैशाख की शुरुआत 17 अप्रैल 2022 से हो चुकी है. वैशाख के महीने (Vaishakh Month) का समापन 16 मई को होगा. विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इस माह को वैशाख कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख का महीना भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का प्रिय महीना है इसलिए इस माह का धार्मिक महत्व भी काफी अधिक है. महर्षि नारद (Narad) के अनुसार कार्तिक, माघ और वैशाख इन तीन महीनों को सर्वोच्च बताया गया है. ब्रह्मा ने वैशाख माह को सर्वश्रेष्ठ माना है.  इस माह में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की साथ में पूजा का विधान है. शास्त्रों के अनुसार, वैशाख माह में किये गए दान और स्नान अत्यंत फलदायी माने जाते हैं.  

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दान का माह है वैशाख
इस माह में शिवलिंग पर जल चढ़ाने या गलंतिका बंधन करने का (मटकी लटकाना) विशेष पुण्य बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार इस माह में प्याऊ लगाना, छायादार वृक्ष की रक्षा करना, पशु-पक्षियों के खान-पान की व्यवस्था करना, राहगीरों को जल पिलाना जैसे सत्कर्म मनुष्य के जीवन को समृद्धि के पथ पर ले जाते हैं. स्कंद पुराण के अनुसार इस माह में जल दान का सर्वाधिक महत्व है अर्थात अनेकों तीर्थ करने से जो फल प्राप्त होता है वह केवल वैशाख मास में जलदान करने से प्राप्त हो जाता है. इसके अलावा छाया चाहने वालों को छाता दान करना और पंखे की इच्छा रखने वालों को पंखा दान करने से ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जो विष्णुप्रिय वैशाख में पादुका दान करता है, वह यमदूतों का तिरस्कार करके विष्णुलोक को जाता है. 

वैशाख के महीने में जरूर करें ये कार्य
वैशाख का महीना शनिदेव को शांत (Shani dev Upay) करने के लिए भी उत्तम माना जाता है. इस दौरान किए गए कुछ विशेष कार्यों से त्रिदेव के आशीर्वाद से शनिदेव भी शांत हो जाते हैं और ग्रहों की अशुभता (Upay For Grah Shanti) दूर करने में मदद मिलती है.

1. प्यासे को जल पिलाएं- वैशाख के महीने में प्यासे को पानी पिलाना चाहिए (Offer water). ऐसी मान्यता है कि इस महीने में जो व्यक्ति प्यासे को पानी पिलाता है, उसे सभी दानों के समान पुण्य और सभी तीर्थों के दर्शन के समान फल प्राप्त होता है. साथ ही इस दौरान पशु-पक्षियों के लिए भी पीने के पानी का इंतजाम करना चाहिए.

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2. प्याऊं लगवाएं- आप चाहें तो वैशाख के महीने में अपने घर या दुकान के बाहर प्याऊं भी लगवा सकते हैं. इससे भी प्यासे व्यक्ति को पानी मिलेगा और आपको त्रिदेव का आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होगी.

3. पंखा और अन्न दान करें- इस महीने में जरूरतमंद लोगों को पंखा दान करने से भी व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा वैशाख के महीने में किसी भूखे या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न दान भी जरूर करें. अन्न दान के समान कोई दूसरा दान नहीं है और इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है (Donate Fan and Food).

संपूर्ण देवताओं द्वारा पूजित धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार है. जैसे विद्याओं में वेद विद्या, मंत्रों में प्रणव, वृक्षों में कल्पवृक्ष, धेनुओं में कामधेनु, देवताओं में विष्णु, वर्णों में ब्राह्मण, प्रिय वस्तुओं में प्राण, नदियों में गंगाजी, तेजों में सूर्य, अस्त्र-शास्त्रों में चक्र, धातुओं  में सुवर्ण, वैष्णवों में शिव तथा रत्नों में कौस्तुभमणि है, उसी प्रकार धर्म के साधन भूत महीनों में वैशाख मास सबसे उत्तम है.

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