Vaishakh Purnima 2022, Vrat Significance and Upay: हर हिन्दू माह के अंतिम दिवस पर पूर्णिमा पड़ती है. वैशाख माह का समापन 16 मई को होने जा रहा है. ऐसे में वैशाख के अंतिम दिवस यानी कि 16 मई को पूर्णिमा का योग बन रहा है. वैशाख पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है. माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर व्रत रखा जाए और उसका पालन पूर्ण श्रद्धा से किया जाए तो जीवन के सभी कष्टों का निवारण हो जाता है और भगवान विष्णु के साथ साथ यमराज भी प्रसन्न होकर मृत्यु से निडरता का वरदान देते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं वैशाख पूर्णिमा के व्रत का महत्व और इस पावन व्रत से जुड़े कुछ बेहद ही खास उपाय या धार्मिक कार्य.
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वैशाख पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किये जाते हैं. इसे सत्य विनायक पूर्णिमा (Satya Vinayak Purnima) भी कहा जाता है. वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु के तेइसवें अवतार महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था, इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.
वैशाख पूर्णिमा व्रत और धार्मिक कर्म
वैशाख पूर्णिमा पर व्रत और पुण्य कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि अन्य पूर्णिमा व्रत के सामान ही है लेकिन इस दिन किये जाने वाले कुछ धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं
- वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
- स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए.
- इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान देने से गोदान के समान फल मिलता है.
- 5 या 7 जरुरतमंद व्यक्तियों और ब्राह्मणों को शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है.
- इस दिन तिल के तेल के दीपक जलाएँ और तिलों का तर्पण विशेष रूप से करें.
- इस दिन व्रत के दौरान एक समय भोजन करें.