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Vaishno Mata Aarti: वैष्णो देवी के मंदिर में होती है ये आरती, आज से ही घर में पढ़ना शुरु करें, मनचाही मुराद होगी पूरी

Vaishno Mata Aarti:

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Inna Khosla
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Vaishno Mata Aarti

Vaishno Mata Aarti( Photo Credit : news nation)

Vaishno Mata Aarti: माता वैष्णो के भक्तों की कमी नहीं है. हर साल यहां लाखों करोड़ों भक्त माथा टेकने जाते हैं. उसमें से कुछ ज्यादा खुशकिस्मत लोग होते हैं जिन्हें माता की आरती में बैठने का मौका मिलता है. माता वैष्णो देवी के दरबार में कौन सी आरती गायी जाती है ये जान लें. अगर आप ये आरती आज से ही अपने घर में पूजा के समय करेंगे तो आप पर भी माता का आशीर्वाद बना रहेगा. माता का ध्यान मन में करके आप जहां भी हों वहां से उनकी पूजा कर सकते हैं. वैसे तो वैष्णो देवी तीर्थ स्थान समुद्र तल से 5 हजार 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.यहां आप दर्शन करने जा रहे हैं तो कटरा से लगभग 13-14 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ेगी. आप जब माता के दर्शनों के लिए जाएं तो उनके इस मंत्र जाप से अपनी यात्र की शुरुआत करें. आप जितना इस मंत्र का जाप करेंगे आपको उतना ही इस यात्रा का पुण्य फल प्राप्त होगा. 

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ॐ श्री वैष्णवी नमः। पाद्योः पाद्यं समर्पयामि।

जम्मू-कश्मीर के त्रिकुट पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की एक गुफा मे आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती पिंडी रूप में त्रेता युग से विराजमान है. वेद पुराणो के हिसाब से ये मंदिर 108 शक्ति पीठ मे भी शामिल है.  घोड़ा, पिठु, पालकी, हेलिकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैसी अनेक सुविधाओं से अब आप यहां यात्रा कर सकते हैं. 

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माता के दरबार में सुबह और शाम 2 बार आरती होती है. एक आरती सूर्योदय से पहले होती है जो 2 घंटे चलती है. इस दौरान किसी भी व्यक्ति को अंदर आने की अनुमति नहीं मिलती. जो भी भक्त दरबार में आ चुके होते हैं उन्हें वहीं बिठा दिया जाता है. वो अपने सामने आरती होते देख पाते हैं. ये अनुभव इतना सुखद होता है कि जीवनभर लोगों को याद रहता है. शाम की आरती सूर्योस्त के बाद होती है. 

मान्यतानुसार, भैरोनाथ का वध करने पर उसका शीश भवन से 3 किमी दूर जिस स्थान पर गिरा, आज उस स्थान भैरो मंदिर के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि अपने वध के बाद भैरोनाथ को अपनी भूल का पश्चाताप हुआ और उसने देवी से क्षमा माँगी। मान्यतानुसार, वैष्णो देवी ने भैरोनाथ को वरदान देते हुए कहा कि "मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएँगे, जब तक कोई भक्त मेरे बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।" भैरो बाबा का यह मंदिर, वैष्णोदेवी मंदिर से ३ किमी की दूरी पर स्थित है.

यह भी पढ़ें: क्या है वैष्णो देवी में भैरो बाबा मंदिर का महत्व, जानें भैरव बाबा की पौराणिक कथा 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

Source : News Nation Bureau

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