Vam Mantra: जब भी आप किसी काम के लिए निकलते हैं और वो काम पूरा नहीं हो पाता, तो हो सकता है कि इसका कारण आपके भीतर चल रही साइंस हो. विशेषज्ञों के अनुसार, घर से निकलने से पहले वम मंत्र का उच्चारण करने से जल तत्व सक्रिय हो जाता है, जिससे आपके सारे काम सफल होने लगते हैं. सांस अंदर भरकर वम मंत्र का उच्चारण करें और फिर घर से बाहर निकलें. इससे आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है. वम मंत्र क्या है और आपको ये मंत्र कैसे सफलता दिलाएगा आइए जानते हैं. वम मंत्र हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण मंत्र है. यह मंत्र अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित होता है. वम ध्वनि को बहुत शक्तिशाली माना जाता है और इसका उच्चारण करने से मन को शांत और स्थिर किया जा सकता है.
आप किसी काम के लिए निकलते हैं और वो काम पूरा नहीं हो पाता, ध्यान भटक जाता है या उस काम को अधूरा छोड़कर वापस आना पड़ता है तो आप अब परेशान ना हों. ये सब सिर्फ एक छोटी सी साइंस है जो आपके भीतर 24 घंटे चल रही है. ये क्यों होता है बस आपको इसका सही कारण समझने की जरुरत है.जब भी आप अपने ऐसे तत्वों में निकल जाओगे, घर से जिसमें अग्नि तत्व है या वायु तत्व है तो वो काम कभी पूरा हो ही नहीं सकता.
हम आपसे साइंस सीखने के लिए नहीं कह रहे सिर्फ ये कह रहे हैं कि घर से निकलने से पहले या किसी इम्पोर्टेन्ट मीटिंग में निकलने से पहले पूरा सांस अंदर भरे और वम मंत्र का उच्चारण करें. 5 मिनट के अंदर आपका जल तत्व सक्रिय होगा. सांस को अंदर भरने के बाद वही पैर अपने घर से बाहर निकालें. आप देखना की आपके सारे काम सफल होने लगेंगे और सक्सेस आपके कदम चूमने लगेगी.
वम मंत्र का अर्थ
व ध्वनि का अर्थ है वाग्देवी यानी वाणी की देवी.
म ध्वनि का अर्थ है मां यानी शक्ति.
इसलिए, वम मंत्र का अर्थ होता है - "शक्ति का उच्चारण". यह मंत्र शक्ति, ऊर्जा और सृजन का प्रतीक है. वम मंत्र के विभिन्न रूप होते हैं और प्रत्येक रूप का अलग-अलग अर्थ होता है.
- ॐ वम: यह सबसे सामान्य रूप है और इसका उपयोग सभी देवी-देवताओं की पूजा में किया जाता है.
- मां वम: यह मंत्र मां दुर्गा या किसी अन्य देवी को समर्पित होता है.
- श्री वम: यह मंत्र लक्ष्मी माता को समर्पित होता है.
वम मंत्र का जाप करने से मन शांत और स्थिर होता है. यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. इसके जाप से आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यों में सफलता मिलती है. वम मंत्र का जाप किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है. आप बैठकर या खड़े होकर भी इसका जाप कर सकते हैं. जाप करते समय अपनी आँखें बंद करके मन को शांत रखें और मंत्र का उच्चारण धीरे-धीरे करें. ध्यान रखें कि जाप करते समय किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना नहीं होनी चाहिए. अगर आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो किसी योग्य गुरु से सलाह लेकर ही मंत्र का जाप करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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