Varalakshmi Vrat 2022 Puja Samagri aur Vidhi: श्रावण पूर्णिमा के साथ सावन का महीना खत्म होने को है. इस बार सावन का समापन शुक्रवार के दिन हो रहा है. हिन्दू धर्म में सावन के आखिरी शुक्रवार का अत्यधिक महत्व है. श्रावण शुक्ल पक्ष के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी व्रत मनाया जाता है. माता वरलक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं और मां लक्ष्मी के आठ रूपों में से एक हैं. वरलक्ष्मी व्रत शादीशुदा महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. हिंदी कैलेंडर के अनुसार, इस बार वरलक्ष्मी व्रत 12 अगस्त को पड़ रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं वरलक्ष्मी व्रत की पूजा सामग्री और विधि के बारे में.
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वरलक्ष्मी व्रत 2022 पूजा सामग्री (Varlakshmi Vrat 2022 Puja Samagri)
- वरलक्ष्मी जी की प्रतिमा
- कुमकुम, पुष्प माला, हल्दी
- चंदन चूर्ण, विभूति, दर्पण
- कंघा, आम के पत्ते, पुष्प
- पान के पत्ते, पंचामृत, दही
- केले, दूध, जल, अगरबत्ती
- मौली, धूप, कपूर, घंटी
- प्रसाद, दीपक, अक्षत
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वरलक्ष्मी व्रत 2022 पूजा विधि (Varlakshmi Vrat 2022 Puja Vidhi)
- माता वरलक्ष्मी की पूजा को दिवाली के दौरान होने वाली महालक्ष्मी पूजा के सामान ही माना जाता है.
- इस पूजा में पूजा के चरण और दोरक, वयना के लिए मंत्र शामिल किये जाते हैं.
- वरलक्ष्मी को अर्पित की जानें वाली मिठाई को वयना कहा जाता है.
- वरलक्ष्मी पूजा में पवित्र धागा बाँधने की भी परंपरा है. इसी पवित्र धागे को दोरक के नाम से जाना जाता है.