वसंत पंचमी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। बिना पंचांग देखे ही कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। जो प्रत्येक वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। मां शारदे के प्राकट्य पर्व को सर्वसिद्धिदायक पर्व माना जाता है। इस दिन लोग पीले वस्त्र पहन कर पीले रंग के भोजन का भोग लगाकर मां शारदा का पूजन करते हैं।
मिलेगा ज्ञान का भंडार और बुद्धि का वरदान
27 वर्षों बाद एक बार फिर वसंत पंचमी दुर्लभ शुभ संयोगों के साथ आ रही है। फरवरी को वसंत पंचमी के दिन पंच महायोग का संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन ध्वज योग, साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग का दुर्लभ संयोग एक साथ हो रह है। उन्होंने पंच महायोग के संयोग में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करना साधकों के लिए विशेष फलदायी साबित होगी। जो चतुर्थी युक्त पंचमी होने से विशेष फलदायी बन रही है। यह योग साधना और श्रेष्ठ कार्य के लिए शुभ रहेंगे।
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मां सरस्वती को ऐसे करें खुश
देवी सरस्वती की कृपा जिस पर हो जाती है, वह व्यक्ति जितना भी मूढ़ हो शीघ्र ही बुद्धिमान होकर जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होता है। इस श्लोक के प्रभाव से आपकी बुद्धि निर्मल होगी। मां सरस्वती को खुश करने के लिए करें इस मंत्र का जाप-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥
वसंत पंचमी के दिन सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए भगवती के बारह नामों का उच्चारण करना चाहिए। ये बारह नाम हैं-
1 भारती
2 सरस्वती
3 शारदा
4 हंसवाहिनी
5 जगती
6 वागीश्वरी
7 कुमुदी
8 ब्रह्मचारिणी
9 बुद्धिदात्री
10 वरदायिनी
11 चंद्रकांति
12 भुवनेश्वरी
इन बारह नामों का स्मरण करने वाला व्यक्ति कुशाग्र, बुद्धिमान एवं मेधावी होता है।
Source : News Nation Bureau