Vastu Dosh Tips: वास्तु शास्त्र में घर की संरचना और उसके आस-पास के माहौल का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है. कई प्रकार के वास्तु दोष होते हैं जिनके निवारण के लिए अलग-अलग उपाय उपलब्ध होते हैं जैसे दिशा में बदलाव, रंगों का उपयोग, पूजन, या अन्य वास्तु सुधार. लेकिन कुछ गंभीर वास्तु दोष ऐसे होते हैं जिनका कोई प्रभावी उपाय नहीं होता और ऐसे में घर बदलना ही एकमात्र विकल्प माना जाता है. कुछ ऐसे वास्तु दोष जिनका कोई उपाय नहीं होता और घर बदलना ही आवश्यक होता है ये कौन से हैं आइए जानते हैं.
ब्रह्मस्थान पर दोष
ब्रह्मस्थान घर का केंद्र बिंदु होता है जिसे हमेशा खाली और स्वच्छ रखा जाना चाहिए. अगर इस स्थान पर कोई भारी संरचना, जैसे पिलर, सीढ़ियां या टॉयलेट होता है तो यह घर की समृद्धि और सुख-शांति के लिए अत्यंत अशुभ होता है. इस दोष का भी कोई साधारण समाधान नहीं होता और घर बदलना ही विकल्प होता है.
मुख्य द्वार का गलत दिशा में होना
अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पश्चिम दिशा में है या मुख्य द्वार बिल्कुल गलत दिशा में बना हुआ है तो यह गंभीर वास्तु दोष माना जाता है. यह नकारात्मक ऊर्जा और समस्याओं का कारण बनता है. इसके लिए कोई सरल उपाय नहीं होता और ऐसे में घर बदलना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है.
अंडरग्राउंड पानी का टैंक दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में
अगर घर में पानी का अंडरग्राउंड टैंक दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में है तो यह घर के सदस्यों की सेहत और समृद्धि के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इस स्थिति का कोई स्थायी समाधान नहीं होता और इसे सुधारने के लिए घर की पूरी संरचना बदलनी पड़ती है जो हमेशा संभव नहीं होता.
सीढ़ियों की गलत दिशा
अगर घर की सीढ़ियां दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में हैं तो ये गंभीर वास्तु दोष है. घर के धन और स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है. सीढ़ियों की दिशा बदलना भी एक कठिन काम होता है और इसका कोई आसान उपाय नहीं होता.
किचन या शौचालय का गलत स्थान
अगर किचन या शौचालय उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो इसे भी वास्तुशास्त्र में दोष माना जाता है. इससे आर्थिक समस्याएं, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. किचन या शौचालय की स्थिति बदलना भी बहुत जटिल होता है ऐसे में घर बदलना विकल्प है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)