Vastu Niyam : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान दीपक जलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. जिसका पालन आज भी बहुत ही विधि-विधान के साथ किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है. अक्सर आपने देखा होगा कि दीपक जलाते समय घी और कई तरह के तेल का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके मायने भी अलग-अलग होते हैं और इन्हें जलाने से शुभ फल की प्राप्ति भी होती है. वहीं शिव पुराण के हिसाब से बात करें, तो दीपक जलाना सुख-समृद्धि को दर्शाता है और वास्तु शास्त्र में भी इसका बहुत ही खास महत्व बताया गया है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में घी और दीपक जलाने के महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे कि इसका महत्व क्या होता है और किसे जलाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
ये भी पढ़ें - Bhanu Saptami 2023: अपनी राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान, सूर्यदेव की बनी रहेगी कृपा
घी और तेल के दीपक जलाने के होते हैं ये फायदें
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू देवी-देवताओं को रोशनी सबसे प्रिय हैय इसी कारण उनकी पूजा में दीपक जलाया जाता है. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि अगर आप घर में नियमित रूप से दीप प्रज्वलित करते हैं, तो घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
2. जानें किस दिशा में दीपक रखना शुभ माना जाता है
पूजा के समय अगर आप घी की दीपक प्रज्वलित कर रहे हैं, तो इसे हमेशा अपने बाएं हाथ की तरफ जलाएं. वहीं अगर आप तेल का दीपक भगवान के समक्ष जलाते हैं, तो इसे अपने दाएं हाथ की तरफ रखें. दीपक को हमेशा भगवान के सामने ही प्रज्वलित करें. इस बात का ध्यान रखें, कि कभी भी जलता दिया बीच में न बुझे.
3. अगर आपकी कोई मनोकामना अधूरी है, तो इसके लिए आप तेल का दीपक जलाएं. वहीं गी का दीपक देवी-देवताओं की पूजा में समर्पित किया जाता है.
जानें कब जलाना चाहिए घी और तेल का दीपक ?
1. ज्योतिष शास्त्र में अगर देवी मां को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो घी का दीपक जलाएं. इससे आपकी आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी.
2. अगर आपके ऊपर शनि की कुदृष्टि, साढ़ेसाती और ढैय्या है और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो तिल के तेल का दीपक जलाएं.
3. ऐसी मान्यता है कि पवनपुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए हमेशा चमेली के तेल का दीपक जलाएं. इसके लिए आप तीन कोने वाले दीपक का इस्तेमाल करें.
4. सूर्यदेव और कालभैरव को प्रसनेन करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
5. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति खराब है, तो आप इससे बचना चाहते हैं, तो अलसी के तेल का दीपक जलाएं.