Vastu Tips For Mandir : घर में मंदिर होने से ईश्वर के प्रति भक्ति और श्रद्धा भावना बढ़ती है. जिन घरों में लोग नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं, उससे उन्हें मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है. इसे सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है और घर में मंदिर होने से बच्चों को धार्मिक संस्कार और शिक्षा मिलती है. मन शांत होता है और तनाव कम होता है. आत्मविश्वास बढ़ता है और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में मंदिर होने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. अगर आपके घर में मंदिर है तो मंदिर रखने के कुछ नियम भी होते हैं. गलती से भी अगर मंदिर से जुड़ा कोई नियम टूट जाए तो उसका प्रभाव उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन पर पड़ता है.
घर में मंदिर रखने के वास्तु नियम
घर में सीढ़ियों के नीचे बाथरूम से सटा हुआ या ऊपर नीचे बाथरूम हो, ऐसे स्थान पे बाथरूम के बगल में या बेसमेंट में घर के बेसमेंट में आपको मंदिर नहीं बनानी चाहिए. इससे घर की खुशहाली और समृद्धि के लिए उत्तम नहीं माना जाता.
कई लोग क्या करते हैं? मंदिरों की तरह घर में ही जो मंदिर रूम बनाते हैं उसमें गुम्बत बनाते हैं, कलश बनाते हैं. ये चीजें आपको घर के अंदर नहीं बनवानी चाहिए और मंदिर के ऊपर बीम या कोई भारी सामान नहीं होना चाहिए.
मंदिर में खाली पड़े माचिस के डिब्बे अगर बत्ती के डिब्बे, सूखे फूल, गीले कचरे आदि. माता के फटे वस्त्र, देवी देवताओं के फटे वस्त्र, गले, वस्त्र तुरंत पर्व आदि हो तो उन्हें अलग कर दें या बदल दें. इससे दोष घर में उत्पन्न हो जाता है.
पंचदेव की पूजा आपको जरूर करनी चाहिए. पंचदेव है? सूर्य, गणपति, शिव जी, विष्णु और मां दुर्गा और ध्यान देना चाहिए की पूजा स्थल पर बीच में भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति जरूर होनी चाहिए.
पूजा घर में अगर आप ब्रह्मा, विष्णु, शिव, इंद्र और सूर्य और कार्तिके की तस्वीरें रखते हैं तो इनका मुख हमेशा पूरब या पश्चिम दिशा की ओर ही होना चाहिए.
प्रथम पूज्य श्री गणेश के स्मरण मात्र कर लेने से कार्य सिद्ध होते हैं और घर में इनकी मूर्ति रखना बहुत ही शुभ माना जाता है.
गजानन की मूर्तियों की संख्या एक, तीन या पांच नहीं होनी चाहिए. नहीं तो ये अशुभ माना गया है. यानि इनकी संख्या इवन नंबर्स में होनी चाहिए. आउट नंबर्स में नहीं होनी चाहिए.
पूजा घर में गणेश जी की मूर्ति का मुख, कुबेर की मूर्ति का मुख और दुर्गा मां का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए.
घर के मंदिर में मां दुर्गा या अन्य किसी देवी की मूर्ति की संख्या तीन नहीं होनी चाहिए.
पूजा घर में हनुमान जी का मुख नैऋत्य कोण में होना चाहिए.
घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति की संख्या एक ही होनी चाहिए क्योंकि बजरंग बली को रुद्र का अवतार मानते हैं. यानि शिव का अवतार मानते हैं और घर में शिवलिंग भी एक ही होना चाहिए.
मंदिर में अगर आप हनुमान जी की प्रतिमा बैठे हुए रखते हैं तो इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
तरक्की के लिए घर के दरवाजे के पास नॉर्थ दिशा में आप उड़ते हुए हनुमान जी की फोटो रख सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau