Vastu Tips Sunset: सूर्यास्त के बाद कुछ कामों से बचना चाहिए, जिनके बारे में धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से नकारात्मक प्रभाव माना जाता है. सूर्यास्त को धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू धर्म में, सूर्यास्त को सूर्य भगवान की पूजा और आराधना का एक अविच्छिन्न भाग माना जाता है. सूर्य को सृष्टिकर्ता के रूप में माना जाता है और उनका सूर्यास्त के समय पूजन विशेष महत्वपूर्ण होता है. सूर्यास्त का समय सुबह और संध्या के बीच होता है, जब सूर्य अपने आधार में छिपता है या निकलता है. इस समय पर हिंदू परंपरा के अनुसार, लोग सूर्य की पूजा करते हैं और उनके प्रति भक्ति और श्रद्धा दिखाते हैं. सूर्य को अर्घ्य देने, जल चढ़ाने, धूप, धूप और पुष्पों का आरोपण करने जैसे पूजनीय क्रियाएँ की जाती हैं. सूर्यास्त के समय का पूजन सूर्य के प्रकाश के साथ सृष्टि के उत्थान और नये आरम्भों की प्रेरणा का प्रतीक होता है. इसलिए, सूर्यास्त का समय धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है.
धार्मिक दृष्टिकोण से
हल्दी दान न करें: हल्दी को गुरु बृहस्पति से संबंधित माना जाता है. सूर्यास्त के बाद हल्दी दान करने से गुरु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है.
झाड़ू न लगाएं: झाड़ू को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है.
कपड़े न धोएं और न सुखाएं: सूर्यास्त के बाद कपड़े धोने और सुखाने से घर में लक्ष्मी का वास कम हो सकता है.
दही का सेवन न करें: दही को चंद्रमा से संबंधित माना जाता है. सूर्यास्त के बाद दही का सेवन करने से चंद्रमा की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है.
सोना न चाहिए: सूर्यास्त के बाद सोने से आलस्य, थकान और नकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ सकता है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से
सूर्यास्त के बाद भोजन न करें: सूर्यास्त के बाद भोजन करने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है, जिससे अपच और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
सूर्यास्त के बाद व्यायाम न करें: सूर्यास्त के बाद व्यायाम करने से शरीर पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है, जिससे थकान और चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है.
सूर्यास्त के बाद यात्रा न करें: सूर्यास्त के बाद यात्रा करने से दृश्यता कम हो सकती है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है.
सूर्यास्त के बाद कुछ सकारात्मक काम भी किए जा सकते हैं, जैसे: सूर्यास्त के बाद ध्यान और प्रार्थना करने से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. सूर्यास्त के बाद पढ़ना और लिखना एकाग्रता और ज्ञान को बढ़ाता है. परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना: सूर्यास्त के बाद परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने से संबंध मजबूत होते हैं और खुशी बढ़ती है. सूर्यास्त के बाद क्या करें या न करें, यह आपके व्यक्तिगत विश्वास और परिस्थितियों पर निर्भर करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau