Vastu Tips for Stairs: वास्तु शास्त्र में सीढ़ियों का महत्व बहुत अधिक होता है. सीढ़ियां घर के वास्तु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं और इन्हें सही ढंग से स्थापित करने से घर में पॉजिटिव ऊर्जा का आधान होता है. सीढ़ियां भवन के विभिन्न स्तरों को जोड़ती हैं और उनके बीच संवाहक के रूप में कार्य करती हैं. उच्चतम सीढ़ी की स्थापना उच्चतम ऊर्जा के स्तर को बढ़ाती है और सभी स्तरों के बीच संतुलन को सुनिश्चित करती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों की सही दिशा, आकार, और स्थान से घर की ऊर्जा को संतुलित रखा जा सकता है और निवासी को सकारात्मक प्रभाव प्रदान किया जा सकता है. इसलिए, सीढ़ियों को वास्तु के मानकों के अनुसार स्थापित करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा ज्ञान और समृद्धि से जुड़ी है. दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और समृद्धि से जुड़ी है. उत्तर दिशा तरक्की और सफलता से जुड़ी है. दक्षिण-पूर्व दिशा आग और नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी है. दक्षिण दिशा यम से जुड़ी है. आप अपने घर में ज्ञान और समृद्धि को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप सीढ़ियां उत्तर-पूर्व दिशा में बना सकते हैं. अपने घर में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप सीढ़ियां दक्षिण-पश्चिम दिशा में बना सकते हैं. घर में तरक्की और सफलता को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप सीढ़ियां उत्तर दिशा में बना सकते हैं.
शुभ दिशा: दक्षिण, पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम
अशुभ दिशा: ईशान (उत्तर-पूर्व), आग्नेय (दक्षिण-पूर्व), नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम)
डिजाइन: घुमावदार या सर्पिल सीढ़ियां ऊर्जा के प्रवाह को बाधित करती हैं. सीधी और चौड़ी सीढ़ियां ऊर्जा के प्रवाह को सुचारू बनाती हैं. सम संख्या में सीढ़ियां नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं. विषम संख्या में सीढ़ियां सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं. सफेद या हल्का रंग ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है. घर में ऊर्जा के प्रवाह को सुचारू बनाना चाहते हैं, तो सीढ़ियां सीधी और चौड़ी बनाएं. सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करना चाहते हैं, तो सीढ़ियों की संख्या विषम रखें. ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाना चाहते हैं, तो सीढ़ियों को सफेद या हल्के रंग में रंगवाएं.
स्थान: केंद्र का स्थान घर के दिल का प्रतिनिधित्व करता है. सीढ़ियां इस स्थान पर बनाना अशुभ माना जाता है. सीढ़ियां मुख्य द्वार के सामने बनाना नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने का रास्ता देता है. रसोईघर के सामने इसे बनाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है. बेडरूम कक्ष के सामने बनाना नींद में बाधा डाल सकती है. नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकना चाहते हैं, तो सीढ़ियां मुख्य द्वार के सामने न बनाएं. आप अपने घर में स्वास्थ्य को अच्छा रखना चाहते हैं, तो सीढ़ियां रसोईघर के सामने न बनाएं. घर में नींद में सुधार करना चाहते हैं, तो सीढ़ियां शयनकक्ष के सामने न बनाएं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों के नियम
सीढ़ियां दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाई जानी चाहिए. ये दिशाएं नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए शुभ मानी जाती हैं. उत्तर-पूर्व या ईशान कोण में सीढ़ियां न बनाएं ये दिशाएं देवताओं की दिशा मानी जाती हैं और इनमें सीढ़ियां बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है. ये घुमावदार नहीं होनी चाहिए हमेशा सीधी और चौड़ी होनी चाहिए. सीढ़ियों की संख्या विषम होनी चाहिए. 7, 9, 11, 13, 15, 17, 19, 21, आदि शुभ मानी जाती हैं. इनके नीचे कोई कमरा नहीं होना चाहिए. सीढ़ियों के नीचे खुली जगह होनी चाहिए. सीढ़ियों पर कोई दरवाजा नहीं होना चाहिए. सीढ़ियों पर दरवाजा होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है. सीढ़ियों पर कोई खिड़की नहीं होनी चाहिए. सीढ़ियों पर खिड़की होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कम हो सकता है. यहां कोई मूर्ति या चित्र नहीं होना चाहिए. सीढ़ियों पर मूर्ति या चित्र होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है. इन्हें हमेशा साफ रखना चाहिए, गंदा रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों की सही दिशा चुनने से आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह ला सकते हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau