वास्तुशास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार घर में तुलसी के पौधे (Tulsi plant) के लिए उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा का चयन करना जरूरी है. इन दिशाओं में तुलसी का पौधा लगाने से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं. इसके साथ आप ईशान कोण में भी तुलसी का पौधा लगा सकते हैं. दक्षिण की दिशा में तुलसी का पौधा नहीं लगाया जाना चाहिए. ऐसा करने से आपको लाभ के बजाय नुकसान उठा पड़ सकता है. वास्तुशास्त्र के अनुसार प्रत्येक रविवार, एकादशी और सूर्य व चंद्र ग्रहण वाले दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए. साथ ही इन दिनों में सूर्य छिपने के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. ऐसा करने से वास्तु दोष की स्थिति उत्पन्न होती है.
तुलसी के पौधे को रसोई के पास नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से घर की पारिवारिक कलह खत्म होती है. मान्यता के अनुसार अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो इसे दूर करने के लिए तुलसी के पौधे को अग्नि कोण यानी की दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम तक किसी भी खाली स्थान पर लगा सकते हैं. अगर इन जगहों में खाली स्थान न मिले तो गमलें में इसे लगा सकते हैं.
वास्तुशास्त्र के अनुसार तुलसी के पौधे को पूर्व दिशा की खिड़की के नजदीक रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों का जिद्द करना बंद हो जाता है. वहीं अगर लड़की की शादी में देरी हो रही है तो तुलसी को अग्नि कोण में रखना होगा. इस दौरान लड़की को रोज उसमें जल अर्पित करना होगा. इस तरह से उसकी जल्द शादी होगी.
HIGHLIGHTS
- सूर्य छिपने के बाद तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए
- सूर्य व चंद्र ग्रहण वाले दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए
- तुलसी के पौधे को रसोई के पास नहीं रखना चाहिए
Source : News Nation Bureau