नए साल में घर बनवाने जा रहे हैं तो आपको वास्तु के बारे में भी थोड़ा बहुत अध्ययन कर लेना चाहिए. अध्ययन न कर पा रहे हों तो किसी जानकार से सलाह लेनी चाहिए. घर के निर्माण और निर्माण के बाद वास्तु टिप्स का बहुत बड़ा रोल होता है. घर बनवाने में यदि आप वास्तु टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपका घर साफ-सुथरा दिखेगा और कहीं से किसी तरह की नकारात्मक ऊर्जा आपके घर में प्रवेश नहीं करेगी, जिससे आपके घर में खुशहाली छाई रहेगी. आज हम आपको वास्तु से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताएंगे, जिससे आपको नए घर में वास्तु के अनुसार काम कराने में आसानी होगी.
घर के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा (North West Direction) वायव्य या भंडार कोण कहते हैं. इस दिशा में वास्तु दोष होने पर आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता चला जाएगा. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा वायु देवता की मानी जाती है. इस भाग में संध्या के समय सूर्य की तपती रोशनी पड़ती है. वास्तु शास्त्र कहता है कि उत्तर पश्चिम कोण में शौचालय, स्टोर रूम, स्नानघर यानी बाथरूम बनाया जा सकता है. क्योंकि इससे संध्या के सूर्य की उष्मा से घर के अन्य हिस्से बचे रहते हैं और इस उष्मा से शौचालय एवं स्नानघर को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है.
घर ऐसे बनवाएं कि पति-पत्नी का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में हो. यह पति-पत्नी के लिए फायदेमंद होता है. उत्तर-पूर्व में देवी-देवताओं का स्थान होता है. इसलिए वास्तुशास्त्र उत्तर दिशा में बेडरूम बनाने का सुझाव देता है.
उत्तर-पश्चिम दिशा में वास्तु दोष को दूर करने के लिए छोटा फव्वारा या एक्वेरियम (Aquarium) रखना चाहिए. कुवांरी कन्याओं का उत्तर-पश्चिम दिशा में सोना शुभदायक होता है. कहा जाता है कि इससे शादी के योग प्रबल होते हैं.
Source : News Nation Bureau