आम तौर पर घरों में जूता-चप्पल (Shoe-Slipers) सलीके से रखने में लोग लापरवाही बरतते हैं. यह लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में घर की सभी चीजों को एक निश्चित दिशा एवं उचित स्थान पर रखने को अनिवार्य माना गया है. यह आपके लिए शुभ भी हो सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में जूते-चप्पल रखने के लिए भी एक दिशा तय है. अक्सर जूते-चप्पल को लोग घर की दहलीज पर ही उतार देते हैं. वहीं, कुछ लोग घर में जूते-चप्पल पहने रहते हैं. वास्तु शास्त्र की मानें तो ये दोनों तरीके गलत हैं. आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार घर में जूता-चप्पल सही से रखने के तरीके:
- घर में पुराने जूते-चप्पल रखने से निगेटिव एनर्जी पैदा होती है. घर की समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं लेती.
- जूते-चप्पल इधर-उधर पड़े होने से घर में कलह बढ़ता है और आपसी संबंध खराब होते हैं.
- जूते-चप्पलों को हमेशा पश्चिम की ओर रखना चाहिए वो भी व्यवस्थित ढंग से.
- जिस घर में जूते-चप्पल इधर-उधर पड़े रहते हैं, वहां शनि के कोप का प्रभाव रहता है. शनि को पैरों का कारक माना गया है, लिहाजार पैरों से संबंध रखने वाली किसी भी वस्तु को यथाक्रम रखना चाहिए.
- पूजा के कमरे और रसोई की दीवार से सटाकर जूते-चप्पल की अलमारी नहीं रखनी चाहिए.
- इधर-उधर पड़े जूते-चप्पल नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं. इसलिए इन्हें हमेशा एक कोने में रखना चाहिए.
- पूरब, उत्तर, ईशान या आग्नेय कोण में जूते-चप्पल की रैक या अलमारी न लगाएं.
- वायव्य यानी उत्तर-पश्चिम दिशा व दक्षिण-पश्चिम दिशा यानी नैऋत्य जूतों की अलमारी के लिए सही जगह है.
- बेड के नीचे जूते-चप्पल इकट्ठे न होने दें. ऐसा होने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं.
Source : News Nation Bureau