Vat Savitri Vrat 2023 : सनातन धर्म में वट सावित्री की पूजा का बहुत ही खास महत्व है. वहीं ज्योतिष की माने तो इस साल वट सावित्री के दिन बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है. आपको बता दें, वट सावित्री के दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और परिवार की सुख-शांति के लिए कामना भी करती हैं. वहीं इस साल दिनांक 19 मई दिन शुक्रवार को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा. ऐसी मान्यता है कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है, जिससे सभी दुख, दर्द दूर हो जाते हैं, साथ ही व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी परेशानियां भी दूर हो जाती है. अब इस बार वट सावित्री के दिन शनिदेव की भी कृपा आपके ऊपर रहने वाली है, क्योंकि इस दिन बहुत ही शुभ योग का निर्माण हो रहा है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में वट सावित्री के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है,इस दिन कौन से शुब योग का निर्माण हो रहा है, पूजा विधि क्या है, इसके बारे में आपको विस्तार से बताएंगे.
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जानें वट सावित्री पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है
हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाएगा. इस साल वट सावित्री का व्रत दिनांक 18 मई को रात 09 बजकर 42 मिनट से लेकर इसका समापन 09 बजकर 22 मिनट पर होगा. अब ऐसे में इस दिन व्रत दिनांक 19 मई को रखा जाएगा.
इस दिन शुभ योग का होगा निर्माण
वट सावित्री के दिन शनि अपनी खुद की राशि कुंभ में रहेंगे. जिसके कारण शश महापुरुष राजयोग का निर्माण होने जा रहा है. अब चंद्रमाऔर गुरु के एक साथ मेष राशि में होने के कारण गजकेसरी राजयोग भी बन रहा है. जो बहुत ही शुभ है और सकारात्मक संयोग वाला साबित होगा. इसका शुभ प्रभाव व्रती महिलाओं पर पड़ेगा.
जानें क्या है पूजा विधि
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि बरगद के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश वास करते हैं. इसलिए इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है. इस दिन व्रती महिलाओं को बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए औऱ परिक्रमा के दौरान रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिए. ऐसा करने से पति के उम्र दीर्घायु होती है और संतान प्राप्ति होने की भी मनोकामना पूरी हो जाती है.