Vidur Niti: विदुर नीति, महाभारत के महान ऋषि विदुर द्वारा रचित नीतिशास्त्र का एक ग्रंथ है. यह नीतिशास्त्र राजनीति, जीवन दर्शन, नैतिकता, व्यवहार और सफलता के बारे में ज्ञान प्रदान करता है. विदुर नीति को महाभारत का पांचवां रत्न भी माना जाता है. यह 12 अध्यायों में विभाजित है, जिनमें अलग-आलग विषयों पर नीतियां और शिक्षाएं दी गई हैं. क्या आप जानते हैं कि आपके पास अपार धन दौलत होगी या नहीं ये आप आसनी से अपने अंदर इन 3 लक्षणों को देखकर जान सकते हैं. विदुर जी की नीतियों का अध्ययन प्रत्येक मनुष्य को करना चाहिए, क्योंकि ये नीतियां किसी भी व्यक्ति को बुद्धिमान और सफल बना सकती हैं. जानिए महात्मा विदुर के बताए तीन लक्षण कौन से हैं और बन जाइए धनवान.
महात्मा विदुर अपने श्लोक में कहते हैं- यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते इस श्लोक में उन तीन लक्षणों के बारे में बताया है सबसे पहला लक्षण है कार्य को गुप्त रखना. महात्मा विदुर जी के अनुसार जो व्यक्ति अपना महत्वपूर्ण कार्य हमेशा ही गुप्त रखकर करता है उसे उस कार्य में निश्चित ही सफलता मिलती है. जो मनुष्य अपना काम हमेशा गुप्त रख कर करता है, दूसरों को उसके कार्य के बारे में भनक भी लगने नहीं देता तो उसका वह कार्य सिद्ध हो जाता है. उसका वह कार्य कभी निष्फल नहीं होता. उसे उस काम का फल जरूर मिलता है. अगर आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं अथवा कोई व्यवसाय करने जा रहे हैं तो उस व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसके बारे में कभी दूसरों को ना बताएं.
दूसरा लक्षण होता है अपने व्यवहार का पता चलने न देना. विदुर जी के अनुसार, जीस व्यक्ति को देखने पर भी उसके व्यवहार का पता दूसरों को नहीं चलता. वह व्यक्ति बहुत ही बुद्धिमान और चतुर होता है. वह निश्चित ही संसार में कीर्ति प्राप्त करता है. एक मनुष्य को ऐसे रहना चाहिए कि उसे देखकर कोई भी उसके बारे में अनुमान न लगा पाएं, जैसे आपको देखकर लोग आपकी परिस्थिति का, आपकी मानसिकता का अथवा आपके विचारों का पता न लगा पाए. तभी आप एक बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति हैं. जो लोग दूसरों को अपने व्यवहार का पता चलने देते हैं, वे लोग बहुत ही छोटी सोच वाले होते हैं जैसे महंगे और चमकीले कपड़े पहन कर सोने के गहने धारण करके खुद को अमीर दिखाने का प्रयास करते हैं.
तीसरा लक्षण है सलाह देना, विदुर जी कहते हैं, एक बुद्धिमान व्यक्ति में यह लक्षण होता है कि वह कभी दूसरों को बिना मांगे कोई सलाह नहीं देता है. एक मूर्ख व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर दूसरों को सलाह देने लगता है. वह दूसरों की हमेशा गलतियां निकालता रहता है और उन पर अपनी बातें थोपने लगता है. बुद्धिमान लोग कभी दूसरों की गलतियां नहीं निकालते और कभी दूसरों को खुद से सलाह देने नहीं जाते हैं. अगर कोई उनके पास सलाह मांगने आता है तो कम शब्दों में उचित सलाह देने का प्रयास करते हैं. सलाह भी उसी को देनी चाहिए जो उसके योग्य हो. किसी मूर्ख को सलाह देने पर वह आपको ही हानि पहुंचा सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau