Vinayaka Chaturthi 2024: आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को "विनायक चतुर्थी" या "गणेश चतुर्थी" के रूप में मनाया जाता है. यह दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत का विशेष महत्व रखता है. इसे 'गणेश व्रत' भी कहा जाता है और इसे विशेष रूप से गणेश भक्तों द्वारा बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. ज्योतिष शास्त्र में, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को अत्यंत शुभ योग माना जाता है. इस दिन किए गए कार्य शुभ फलदायी होते हैं. विवाह, गृह प्रवेश, शिक्षा आरंभ, व्यापार आरंभ आदि शुभ कार्य इस दिन किए जा सकते हैं.
आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी की पूजा विधि
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ कर, गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. अब आप पंचोपचार पूजा करें जिसमें धूप, दीप, नैवेद्य (मिठाई), पुष्प, और चंदन भगवान को अर्पित करें. इस दिन गणेश मंत्रों के जाप का भी खास महत्व होता है. गणेश जी के मंत्रों का जप करें जैसे "ॐ गण गणपतये नमः". गणेश चालीसा या गणेश स्तुति का पाठ करने वाले जातक को बप्पा का असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके बाद आप पूरे दिन व्रत रखें, जिसमें अन्न का सेवन न करें, केवल फलाहार या जल का सेवन ही इस व्रत में किया जाता है. शाम को गणेश जी की आरती करें और मोदक, लड्डू या कोई अन्य मिठाई प्रसाद रूप में अर्पित करें. रात में चंद्रमा के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य दें, इसके बाद व्रत तोड़ें.
विनायक चतुर्थी पूजा शुभ मुहूर्त
आज जुलाई 9, 2024, मंगलवार के दिन विनायक चतुर्थी की पूजा आप सुबह 11:03 ए एम से 01:50 पी एम के बीच कर सकते हैं.
व्रत का महत्व
भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माना जाता है. उनकी पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. बाधाओं का निवारण होता है. ये तो सब जानते हैं कि गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, उनकी पूजा से सभी बाधाओं और कष्टों को दूर होने में समय नहीं लगता. आज के दिन व्रत रखने वाले जातक का आध्यात्मिक विकास भी होता है. गणेश चतुर्थी व्रत से आध्यात्मिक शक्ति और मन की शांति मिलती है. आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाने का महत्व यह है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है और भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau