Vishwakarma Pooja 2020 : भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) को सृष्टि का निर्माणकर्ता या शिल्पकार कहा जाता है. विश्व का पहला इंजीनियर भी भगवान विश्वकर्मा को ही कहते हैं. इसके अलावा भगवान विश्वकर्मा जी को यंत्र यानी मशीनों का देवता माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्माजी के निर्देशन में भगवान विश्वकर्मा ने इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक और लंका का निर्माण किया था. भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्माजी का 9वां पुत्र भी कहा जाता है. आज हम जानेंगे कि आखिर हर साल 17 सितंबर को ही भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती क्यों मनाई जाती है?
कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा का जन्म आश्विन मास की कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि को हुआ था. जबकि एक अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा का जन्म भाद्र मास की अंतिम तिथि को हुआ था. इन सबसे अलग सूर्य पारगमन के आधार पर विश्वकर्मा पूजा की तिथि तय की गई, जिसके आधार पर हर साल 17 सितंबर को ही विश्वकर्मा पूजा का आयोजन किया जाता है.
भगवान विश्वकर्मा की पूजा कैसे करें : स्नान करने के बाद जमीन पर आठ पंखुड़ियों वाला एक कमल बनाकर उस पर सतंजा रखें. उसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ विश्वकर्मा जी की मूर्ति पर पुष्प आदि चढ़ाकर पूजा करें.
विश्वकर्मा पूजा के दिन शुभ संयोग : इस बार विश्वकर्मा पूजा के दिन सिद्धि योग सुबह 7:22 मिनट तक रहेगा और उसके बाद साध्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. इसके अलावा अमृत काल मुहूर्त सुबह 10:09 बजे से सुबह 11:37 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 02:19 बजे से दोपहर 3:08 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 06:12 बजे से शाम 6:36 बजे तक रहेगा. इन सभी योगों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कई गुना लाभ प्राप्त होगा.
Source : News Nation Bureau