आज निर्माण कार्य के देवता भगवान विश्वकर्मा का दिन है. हिंदू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है. कहा जाता है कि उन्होंने देवी-देवताओं के लिए न सिर्फ भवनों का निर्माण किया बल्कि समय-समय पर अस्त्र-शस्त्रों का भी निर्माण किया था. यही वजह है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी औजारों या उपकरण पर विश्वकर्मा का प्रभाव माना जाता है.
हर साल विश्वकर्मा जयंती पर सभी मशीनों और उपकरणों की पूजा की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं विश्वकर्मा पूजा के दौरान कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें करने की मनाही होती है और कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में पूजा के शुभ मुहूर्त से लेकर उन सभी बातों के बारे में जानते हैं जिन्हें करने से साल भर आपके घर में पैसों की बारिश होगी.
विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त
संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 2 मिनट से शुरु हो रहा है. पूजा का शुभ फल प्राप्त करने इस समय पूजा आरंभ की जा सकती है.
ऐसे करें पूजा
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सबसे पहले पूजा के लिए जरूरी सामग्री जैसे अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल सभी पूजा की चीजें एकत्र कर लें. इसके बाद कलश को स्थापित करें और फिर विधि—विधान से पंडितजी के माध्यम से पूजा करें. इसके बाद बिजनेसमेन को अपने ऑफिस, दुकान या फैक्टरी के साथियों व परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही पूजा स्थान को छोड़ें.
भूलकर भी न करें इस समय पूजा
विश्वकर्मा पूजा इस समय बिल्कुल न करें-
ज्योतिष के अनुसार आज सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा. अगर कोई व्यक्ति इस समय पूजा करेगा तो उसकी पूजा व्यर्थ हो जाएगी.
गुलिक काल में पूजा करने से मिलेगा विपरीत फल
वहीं, 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल है, इस समय की गई पूजा का विपरीत फल मिलता है.
राहुकाल में भी न करें पूजा
इसके अलावा शाम 3 बजे से 4 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा. राहुकाल के दौरान की गई पूजा में नेष्ट माना गया है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो