Advertisment

Vivekananda Rock Memorial: ये है विवेकानंद शिला का इतिहास जहां पीएम मोदी करेंगे साधना, जानें इसका धार्मिक महत्व 

Vivekananda Shila Smarak: भारत के प्रधानमंत्री एक बार फिर ध्यान मग्न होकर देश के भविष्य पर चिंतन करने वाले हैं. लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले वो उसी शिला पर ध्यान लगाएंगे जहां स्वामी विवेकानंद ने लगाया था.

author-image
Inna Khosla
New Update
Vivekananda Rock Memorial

Vivekananda Rock Memorial( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Vivekananda Rock Memorial: 30 मई 2024 को आखिरी फेज की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचार थम जाएगा. शाम 5 बजे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी जाएंगे, जहां विवेकानंद शिला पर 2 दिन ध्यान में बैठेंगे. पीएम मोदी रॉक मेमोरियल की उसी शिला पर ध्यान लगाने वाले हैं, जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था. लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 57 लोकसभा सीटों के लिए 1 जून को मतदान होना है. इससे पहले मोदी 2019 में आखिरी फेज की वोटिंग से पहले केदारनाथ गए थे. वहां बनी रुद्र गुफा में नरेंद्र मोदी ने 17 घंटे ध्यान लगाया था. स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. ऐसा कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में अपना ऐतिहासिक भाषण देने से पहले इस चट्टान पर ध्यान किया था, जिस कारण इस स्थान को पवित्र माना जाता है. 

विवेकानंद शिला का धार्मिक महत्व 

विवेकानंद शिला स्मारक त्रिवेणी संगम पर स्थित है, जो तीन समुद्रों बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर, और अरब सागर के संगम पर बनायी गयी है. इसे हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है, क्योंकि इन तीनों समुद्रों का संगम हिंदू धर्म में अमरत्व का प्रतीक माना जाता है. विवेकानंद शिला के निकट देवी कन्याकुमारी का एक प्राचीन मंदिर है.

publive-image

सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए यह अद्भुत स्थान है क्योंकि यहां का मनमोहक दृश्य आध्यात्मिक शांति देता है. विवेकानंद शिला केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह एक पवित्र धार्मिक स्थान भी है जो आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत है. चैत्र पूर्णिमा पर यहां चन्द्रमा और सूर्य दोनों एक साथ एक ही क्षितिज पर आमने-सामने दिखाई देते हैं. इस स्मारक का मुख्य द्वार अजंता और एलोरा गुफा मन्दिरों की तरह बनाया गया है. मण्डपम की बात करें तो ये बेलूर (कर्नाटक) के श्री रामकृष्ण मन्दिर के जैसा है. 

विवेकानंद शिला का इतिहास

विवेकानंद रॉक मेमोरियल, जिसे विवेकानंद शिला स्मारक, कन्याकुमारी रॉक भी कहा जाता है, कन्याकुमारी, तमिलनाडु, भारत में स्थित एक स्मारक है. हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध दार्शनिक और सामाजिक सुधारक स्वामी विवेकानंद की याद में बनायी गयी ये जगह बेहद खास है. इस स्मारक के इतिहास की बात करें तो इसका निर्माण 1970 में स्वामी विवेकानंद के जन्म शताब्दी के अवसर पर किया गया था. यहां एक चट्टान है जहां स्वामी विवेकानंद 1893 में कई दिनों तक ध्यान में बैठे थे. स्मारक का शिलान्यास 1963 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. सर्वेपल्ली राधाकृष्णन ने किया था. इस स्मारक के निर्माण की बात करें तो तमिलनाडु सरकार ने इसे बनवाया था जिसकी लागत लगभग 10 लाख रुपये उस समय आयी थी.

publive-image

इसमें एक संग्रहालय, एक कला गैलरी, एक ध्यान केंद्र, और एक पुस्तकालय है. इसे आधुनिक हिन्दू स्थापत्य शैली में बनाया गया है. तीन मंजिला भवन है जिसके शीर्ष पर स्वामी विवेकानंद की एक बड़ी प्रतिमा है. विवेकानंद रॉक मेमोरियल की दीवारों पर स्वामी विवेकानंद के जीवन और उपदेशों को दर्शाने वाली कई मूर्तियां और चित्र हैं और आसपास एक सुंदर बगीचा भी है. स्वामी विवेकानंद के प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है. भारत और दुनिया भर के लाखों पर्यटक यहां आते हैं. ये जगह युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है. विवेकानंद रॉक मेमोरियल, भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्मारकों में से एक है. जहां स्वामी विवेकानंद के जीवन और उपदेशों को एकत्रिक करके रखा गया है. 

यह स्मारक स्वामी विवेकानंद को समर्पित है, जिन्होंने 1893 में शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. 1897 में, स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी की यात्रा की और 3 दिनों तक एक चट्टान पर ध्यान किया. उनका मानना था कि यह जगह अध्यात्मिक ऊर्जा से भरी हुई है. स्वामी विवेकानंद की स्मृति में एक स्मारक बनाने के लिए 1950 में, विवेकानंद रॉक मेमोरियल कमेटी की स्थापना की गयी. भारत सरकार ने इस परियोजना को स्वीकार किया और 1970 में इस शिला स्मारक का निर्माण कार्य शुरू हुआ.

विवेकानंदा रॉक मेमोरियल एक 133 फीट ऊंची चट्टान पर स्थित है. इस स्मारक में स्वामी विवेकानंद की एक विशाल प्रतिमा है, जो 39 फीट ऊंची है. इसके अलावा, इस स्मारक में एक ध्यान केंद्र, एक प्रदर्शनी हॉल और एक पुस्तकालय भी है. विवेकानंदा रॉक मेमोरियल केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा का स्रोत भी है. यह युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षाओं से सीखने के लिए प्रेरित करता है. यह राष्ट्रीय एकीकरण और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक भी है. विवेकानंदा रॉक मेमोरियल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

PM modi रिलिजन न्यूज Vivekananda Rock Memorial Vivekananda Shila Smarak
Advertisment
Advertisment