Vrindavan Chandrodaya Temple: वृंदावन चंद्रोदय मंदिर उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है. यहाँ का मंदिर वृंदावन नगर के पास स्थित है और भगवान कृष्ण को वृंदावन में उनके बाल लीलाएं करते हुए दर्शाता है. वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का निर्माण 2014 में शुरू हुआ था. यह मंदिर इस्कॉन बैंगलोर द्वारा बनवाया जा रहा है. मंदिर का निर्माण 2024 में पूरा होने की उम्मीद है. इस मंदिर की वास्तुकला की बात करें तो वृंदावन चंद्रोदय मंदिर 70 मंजिला ऊंचा होगा और इसका कुल क्षेत्रफल 54 एकड़ होगा. मंदिर का निर्माण आधुनिक वास्तुकला शैली में किया जा रहा है. मंदिर के मुख्य मंडप में भगवान कृष्ण, राधा, बलराम और सुदामा की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी.
विशेषताएं:
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा धार्मिक स्मारक होगा. यह मंदिर साल भर भक्तों को आकर्षित करेगा, खासकर जन्माष्टमी और होली के त्योहारों के दौरान.
मंदिर में एक संग्रहालय, एक पुस्तकालय और एक शोध केंद्र भी होगा.
मंदिर में एक विशाल कुंड होगा, जिसे गंगा कुंड कहा जाएगा.
मंदिर के आसपास कई धर्मशालाएँ और भोजनालय होंगे.
जन्माष्टमी: जन्माष्टमी के दौरान, मंदिर में विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं. भक्त भगवान कृष्ण का जन्मदिन मनाते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. मंदिर परिसर को रंगीन रोशनी से सजाया जाता है और भक्त भजन गाते हैं और नृत्य करते हैं.
होली: होली के दौरान, मंदिर परिसर रंगों से सजाया जाता है. भक्त एक दूसरे पर रंग डालते हैं और भगवान कृष्ण के साथ होली खेलने का आनंद लेते हैं. मंदिर में विशेष भजन और नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
गंगा कुंड: गंगा कुंड में स्नान करना पवित्र माना जाता है. भक्त मंदिर में स्नान करते हैं और भगवान कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
धर्मशालाएँ: मंदिर के आसपास कई धर्मशालाएँ हैं, जहाँ भक्त कम दरों पर रह सकते हैं. यह उन भक्तों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो दूर से आते हैं और मंदिर में अधिक समय बिताना चाहते हैं.
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर एक भव्य और अद्भुत मंदिर है जो दुनिया भर के भक्तों को आकर्षित करेगा. यह मंदिर न केवल अपनी ऊंचाई के लिए प्रसिद्ध होगा, बल्कि अपनी सुंदर वास्तुकला, धार्मिक महत्व और विभिन्न उत्सवों के लिए भी जाना जाएगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau