जीवन की खुशियों के लिए पति-पत्नी के रिश्ते को प्यार, विश्वास और समझदारी के धागों से मजबूत बनाना पड़ता है. छोटी-छोटी बातें इग्नोर करनी होती हैं. मुश्किल के समय में एक-दूसरे का सहारा बनना पड़ता है. पति-पत्नी का रिश्ता सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन कई ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें महिलाएं भले ही एक्सप्रेस न करें, लेकिन वे उम्मीद करती हैं कि उनके पति उन्हें समझें और उनका साथ दें. अगर किसी भी कारणवश पति और पत्नी का पवित्र रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है तो जीवन में तनाव और कलह भर जाता है. समय रहते जो इस स्थिति का निवारण नहीं कर पाते हैं, वे जीवन के आंनद से वंचित हो जाते हैं. इतना ही नहीं जीवन में मिलने वाली सफलता भी प्रभावित होने लगती है.
आचार्य चाणक्य ने जीवन के इस धुरी जिसे हम पति-पत्नी के रिश्ते कहते हैं उसके बारे में अपने ग्रन्थ चाणक्य नीति में चर्चा की है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन को सफल बनाने के लिए पति पत्नी के रिश्ते का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है. चाणक्य का मानना था कि मित्र, पत्नी और सेवक की सही पहचान संकट के समय होती है. संकट के समय ही हर रिश्ते की सही पहचान होती है. आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने दांपत्य जीवन को बेहतर और मजबूत बनाने के लिए क्या कहा है :
पति और पत्नी के रिश्ते में प्रेम की कमी नहीं होनी चाहिए
चाणक्य के अनुसार प्रेम हर रिश्ते की पहली शर्त है. प्रेम में कमी आने पर मजबूत से मजबूत रिश्ता भी प्रभावित होने लगता है. उसमें दरारें आने लगती हैं, समय रहते यदि पर ध्यान न दिया जाए तो रिश्ता अत्याधिक कमजोर हो जाता है.
एक दूसरे का सम्मान करें
चाणक्य के अनुसार हर रिश्ते की अपनी एक सीमा और मर्यादा होता है. जिसका हमेशा ध्यान रखना चाहिए. पति पत्नी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए, ऐसे कार्यों को करने से बचना चाहिए जिससे मर्यादा टूटती हो.
बातचीत बंद नहीं करनी चाहिए
चाणक्य के अनुसार हर रिश्ते में उतार चढ़ाव की स्थिति बनती है, लेकिन इस स्थिति में बातचीत को बंद नहीं करना चाहिए. बातचीत से बड़ी से बड़ी समस्याओं को हल किया जा सकता है. इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.
Source : News Nation Bureau