गुरुवार का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण होता है. गुरुवार को बृहस्पतिवार के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन बृहस्पति ग्रह की पूजा की जाती है. गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति के समर्थन, आशीर्वाद और कृपा के लिए समर्पित होता है. इस दिन कई हिंदू लोग बृहस्पति ग्रह की पूजा करते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं. बृहस्पति ग्रह की पूजा से विद्या, धन, संतान की प्राप्ति, समृद्धि, सौभाग्य, और सफलता की प्राप्ति होती है. गुरुवार को विशेष रूप से गुरु भक्ति, ध्यान, और श्रद्धा में विशेष महत्व दिया जाता है. कई लोग गुरुवार को गुरुजनों की पूजा, सेवा, और चरण-चिंतन करते हैं. गुरुवार के दिन गुरु मंत्रों का पाठ करने और गुरुओं की आराधना करने का विशेष महत्व होता है.
इसके अलावा, गुरुवार को हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु, और शिव का दिन माना जाता है. इसलिए, इस दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु, और शिव की पूजा की जाती है और उनका आराधना किया जाता है. सम्पूर्ण रूप से, गुरुवार का दिन धर्मिक और सामाजिक महत्व का होता है, जिसमें गुरुभक्ति, शिक्षा, ध्यान, और सेवा को महत्वपूर्ण रूप से मान्यता दी जाती है. हिंदू धर्म में, गुरुवार को पीले रंग के कपड़े पहनने का विशेष महत्व होता है. इसके पीछे कई धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं हैं जो इस प्रथा को समर्थन करती हैं.
-गुरु और बृहस्पति के रंग: हिंदू धर्म में, गुरुवार दिन को बृहस्पति ग्रह का दिन माना जाता है, जो पीले रंग का होता है. बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए, जो संविदानिक रूप से गुरु का प्रतिनिधित्व करता है, लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं.
- शुभता के संकेत: पीला रंग हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक माना जाता है. इसे गुरुवार के दिन को शुभ बनाने का एक तरीका माना जाता है.
- गुरु की पूजा: गुरुवार को गुरु की पूजा और भक्ति के लिए पीले रंग के कपड़े पहनना धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा है. इसे गुरुवार की परंपराओं और अनुष्ठानों का मान्यताओं के साथ संबंधित महत्व मिलता है.
- उत्सव और त्योहार: कई उत्सवों और त्योहारों में भी पीले रंग का महत्व होता है, जैसे मकर संक्रांति, पीला पाक, गुड़ी पड़वा, और होली. इसलिए, यह परंपरा भी इन उत्सवों के साथ जुड़ी हुई है.
इस प्रकार, पीले कपड़े पहनने का धार्मिक महत्व है जो गुरुवार को और भी अधिक विशेष बनाता है.
Source : News Nation Bureau