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Vastu Tips: क्या है प्रथम पूज्य गणेश और हनुमान जी की मूर्ति को मंदिर में रखने के नियम 

Temple Vastu Tips: क्या आप जानते हैं कि आपके घर के मंदिर में भगवान की कितनी मूर्तियां होनी चाहिए. उनकी दिशा क्या हो और मंदिर में मूर्तियां रखने के नियम क्या हैं.

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Inna Khosla
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Vastu Tips( Photo Credit : News Nation)

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Vastu Tips: हिंदू धर्म का पालन करने वाले सभी घरों में भगवान की पूजा होती है. देवी-देवताओं की उपासना सभी लोग नियम से करते ही हैं. आज जगह का अभाव हो गया है लेकिन, फिर भी हर घर में एक मंदिर देखने को जरूर मिलता है. छोटा से छोटा घर हो, वहां पर भी आपको पूजा का स्थान जरूर मिल जाएगा, क्योंकि इससे हमारे घर में हम मानते हैं सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. चाहे आप किराये के घर में रहें या अपने घर में रहें आप अपनी जगह के अनुसार पूजा पाठ जरूर करते हैं. अब बड़ा सवाल ये आता है की घर में पूजा स्थान का सही जगह पर होना बहुत आवश्यक होता है. हम चाहे वास्तु की दृष्टि से देखें या तांत्रिक दृष्टि से देखें हमारे घर का जो पूजा घर होता है वो हमारे जीवन पर पॉज़िटिव और नेगेटिव असर डालता है. अगर आप भगवान गणेश या हनुमान जी की खासतौर पर पूजा करते हैं तो उनकी मूर्तियों को मंदिर में रखने के शास्त्रीय नियम हैं. 

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प्रथम पूज्य श्री गणेश के स्मरण मात्र कर लेने से कार्य सिद्ध होते हैं और घर में इनकी मूर्ति रखना बहुत ही शुभ माना जाता है. अधिकांश घरों में आप देखते होंगे बहुत सारी मूर्तियां होती हैं, लेकिन ध्यान रखें की गजानन की मूर्तियों की संख्या एक, तीन या पांच नहीं होनी चाहिए ये अशुभ माना गया है. इनकी संख्या इवन नंबर्स में होनी चाहिए आउट नंबर्स में नहीं होनी चाहिए. श्री गणेश का स्वरूप सम संख्या के समान होता है. इस कारण इनकी मूर्तियों की संख्या भी विषम होना गलत मानी गई है. कम से कम दो मूर्तियां रखना गणपति देव की सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं. 

पूजा घर में गणेश जी की मूर्ति का मुख, कुबेर की मूर्ति का मुख और दुर्गा माँ का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए. घर के मंदिर में मां दुर्गा या अन्य किसी देवी की मूर्ति की संख्या तीन नहीं होनी चाहिए. ये अशुभ माना जाता है और अगर आप चाहें तो तीन से कम या ज्यादा मूर्तियां घर के मंदिर में रख सकते हैं. मुर्तियों के संबंध में श्रेष्ठ बात यही होती है कि मंदिर में किसी भी देवता की एक से अधिक मूर्ति ना हो. अलग-अलग देवी देवताओं की एक एक मूर्तियां रखी जा सकती हैं. 

पूजा घर में हनुमान जी का मुख नैऋत्य कोण में होना चाहिए. घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति की संख्या एक ही होनी चाहिए क्योंकि बजरंग बली को रुद्र का अवतार मानते हैं. यानि शिव का अवतार मानते हैं और घर में शिवलिंग भी एक ही होना चाहिए. मंदिर में अगर आप रखते हैं तो हनुमान जी की प्रतिमा बैठे हुए हनुमान जी की प्रतिमा रखना सर्वश्रेष्ठ होता है. दूसरे किसी भाग में रख रहे हैं तो हनुमान जी की मूर्ति नहीं लेकिन, ऐसी फोटो रखी जा सकती है जिसमें वो खड़े हुए हों. 

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घर के दरवाजे के पास नॉर्थ दिशा में आप उड़ते हुए हनुमान जी की फोटो रख सकते हैं. यह नौकरी इत्यादि के लिए सर्व श्रेष्ठ होती है. 

ध्यान रखें पति पत्नी का जो शयन कक्ष है अगर उसी में आपने मंदिर बनाया हुआ है तो आपको हनुमान जी की मूर्ति या फोटो उसमें नहीं लगानी चाहिए. आप वहां पर राधा कृष्ण की फोटो लगा सकते हैं. 

इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप अपने घर के मंदिर में जिन भी मुर्तियों को रखते हैं, उनमें एक मूर्ति से दूसरी मूर्ति का एक इंच का फासला जरूर होना चाहिए. इसके अलावा दो भगवान की मूर्ति कभी भी आमने सामने नहीं रखनी चाहिए, नहीं तो आपके जीवन में तनाव हो सकता है. इससे पूजा का फल आपको नहीं मिलेगा. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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