Shivling Puja Vidhi: शिवलिंग हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है, इसे प्रभु शिव की प्रतिमा के रूप में पूजा जाता है. इसका धार्मिक महत्व विशेष रूप से शिव धर्मवाले लोगों के लिए है, जो शिव के भक्त होते हैं. यह धार्मिक सिमांताओं में प्रस्तुत होता है और उन्हें प्रेरित करता है. शिवलिंग का अर्थ होता है "भगवान शिव का प्रतीक". यह एक अद्वितीय प्रतिमा है जो प्राचीन संस्कृति में प्रतिष्ठित है. शिवलिंग का आकार स्त्रूप और अविकल होता है, और इसे सदाशिव, निरंकार, और परमेश्वर के प्रतिष्ठित रूप के रूप में पूजा जाता है. शिवलिंग का पूजन परमेश्वर की प्रतिष्ठा और उसकी महिमा का अभिवादन करता है. इसे भक्ति और श्रद्धा के साथ पूजा जाता है. शिवलिंग के पूजन से आत्मग्यान की प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति का अवसर मिलता है. यह भक्त को अपने आत्मा के साथ संयोग करने का मार्ग प्रदान करता है.
शिवलिंग पूजा के नियम:
1. स्नान: शिवलिंग पूजा करने से पहले स्नान करना अनिवार्य है. स्नान के लिए गंगाजल का उपयोग करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. स्नान करते समय, अपने शरीर को साफ करने के साथ-साथ अपने मन को भी शुद्ध करने का प्रयास करें. स्नान के बाद स्वच्छ और धुले हुए वस्त्र धारण करें.
2. पूजा सामग्री:
पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल
फूल: कमल, गुलाब, बेल, धतूरा, आदि
फल: मौसमी फल जैसे कि केला, सेब, अनार, आदि
धूप: लोबान, कपूर, आदि
दीप: घी का दीपक
नैवेद्य: फल, मिठाई, पान, आदि
3. पूजा विधि: जल का आचमन करें. भगवान शिव का आवाहन करें. षोडशोपचार पूजा में 16 उपचारों द्वारा शिवलिंग का पूजन किया जाता है. पंचामृत, जल, या दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिव आरती करें. अपनी मनोकामनाओं को भगवान शिव से प्रार्थना करें. शिवलिंग की प्रदक्षिणा करें.
4. ध्यान: शिवलिंग पर ध्यान केंद्रित करें और शिव मंत्रों का जप करें. ध्यान करते समय शांत वातावरण में बैठें और अपनी आँखें बंद करें. आप "ॐ नमः शिवाय" या "महा मृत्युंजय मंत्र" का जप कर सकते हैं.
5. नियमितता: शिवलिंग पूजा नियमित रूप से करें. नियमित पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.
शिवलिंग पूजा करते समय हमेशा स्वच्छ रहें. मन शांत और एकाग्र रखें और पूजा के दौरान किसी से बात न करें. पूजा के बाद शिवलिंग को भोग लगाएं. शिवलिंग पूजा करते समय भगवान शिव के प्रति पूर्ण श्रद्धा रखें. शिवलिंग की पूजा कई तरह की रिच्युअल और उपासना के साथ की जाती है, और यह हिन्दू धर्म के एक प्रमुख अंग है जो भक्तों को परमेश्वर के साथ जोड़ती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau