What Does Hinduism Say About Lies: हिंदू धर्म शास्त्रों में झूठ को एक गंभीर अपराध माना जाता है और इसे कई प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है. झूठ बोलने वाले को कई प्रकार की सजाएं मिल सकती हैं, जिनमें धार्मिक और सामाजिक दोनों प्रकार की सजाएं शामिल हैं. धर्म शास्त्रों के अनुसार, झूठ को मुख्य रूप से 5 तरह के होते हैं- अनृत, उपहास, अतिशयोक्ति, अल्पोक्ति और भ्रम. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार झूठ एक कर्म है. कर्म का मतलब है किसी भी विचार, शब्द या कार्य का परिणाम. झूठ बोलने से व्यक्ति को नकारात्मक कर्म मिलता है, जिसका परिणाम अगले जन्म में दुख भोगने के रूप में हो सकता है. हिंदू धर्म में सच बोलने को एक महत्वपूर्ण गुण माना जाता है, क्योंकि इससे व्यक्ति को सकारात्मक कर्म मिलता है और उसे अगले जन्म में सुख मिलता है.
झूठ कितने प्रकार के होते हैं? (How many types of lies are there?)
अनृत
यह सबसे सामान्य प्रकार का झूठ है, जिसमें जानबूझकर सच को छुपाया जाता है या झूठी बात कही जाती है.
उपहास
यह एक ऐसा झूठ है जिसमें किसी व्यक्ति या वस्तु का मजाक उड़ाया जाता है या उसकी निंदा की जाती है.
अतिशयोक्ति
इसमें किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है. मान लीजिए किसी ने एक लाइन में मामूली सी बात कही लेकिन आपने उस बात को खूब बढ़ा चढ़ाकर उसके मायने ही बदल दिए.
अल्पोक्ति
इसमें किसी बात को कम करके बताया जाता है. ऐसा झूठ भी घातक होता है. जो लोग इस तरह की बात करते हैं शास्त्रों में उन्हे सजा का पात्र बताया गया है.
भ्रम
इसमें किसी को जानबूझकर गुमराह किया जाता है. जब आप किसी की भावनाओं से खिलवाड़ कर अपना फायदा उठाते हैं और उसे गलतफहमी में डाल देते हैं तो ये भी एक तरह का झूठ ही है.
झूठ बोलने वालों को मिलने वाली सजाएं (Punishments for those who lie)
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, झूठ बोलने वाले लोगों को धार्मिक और सामाजिक सजाएं मिल सकती हैं. धार्मिक सजाएं क्या हो सकती हैं पहले आप ये जान लें. झूठ बोलने वालों को नर्क में यातनाएं भोगनी पड़ती हैं. व्यक्ति पर पाप का बोझ लगता है, जिसके कारण उसे अगले जन्म में दुख भोगने पड़ सकते हैं. झूठ बोलने वाले को समाज में अपमानित किया जाता है और लोग उस पर विश्वास नहीं करते हैं. ऐसो लोगों से ईश्वर भी नाराज हो जाते हैं और व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
अब आप ये भी जान लें कि झूठ बोलने वाले को किस तरह की सामाजिक सजा दी जा सकती है. झूठ बोलने वाले को समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है. दोस्त और रिश्तेदार उससे दूर हो जाते हैं. व्यवसाय चौपट हो जाता है और झूठ बोलने वाले को मानसिक पीड़ा होती है. उसे हमेशा डर लगा रहता है कि कहीं उसका झूठ पकड़ में न आ जाए.
हिंदू धर्म में झूठ को एक गंभीर अपराध माना जाता है. झूठ बोलने वाले को धार्मिक और सामाजिक दोनों प्रकार की सजाएं मिल सकती हैं. इसलिए, हमें हमेशा सच बोलने का प्रयास करना चाहिए. झूठ बोलने से व्यक्ति का चरित्र खराब होता है. व्यक्ति के संबंधों में दरार आ जाती है और मानसिक शांति भी छिन जाती है. सच बोलना हमेशा बेहतर होता है, भले ही इससे हमें कुछ नुकसान क्यों न हो.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)