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मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना अपशगुन, जानें क्या पड़ता है जीवन पर असर

मंदिर के बाहर से चप्पल चुराना धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से अपशगुन माना जाता है. यह कार्य मंदिर के प्रांगण में आत्मिक सुख और शांति को अपहरण करता है और भक्तों के लिए अपशगुन का कारण बनता है.

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Sourabh Dubey
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Shubh_Ashubh

Shubh_Ashubh( Photo Credit : social media)

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मंदिर के बाहर से चप्पल चुराना धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से अपशगुन माना जाता है. यह कार्य मंदिर के प्रांगण में आत्मिक सुख और शांति को अपहरण करता है और भक्तों के लिए अपशगुन का कारण बनता है. मान्यता है कि यह देवी-देवताओं के प्रति अनादर और अनुशासन का प्रतीक होता है. इसके अलावा, चप्पल चुराना एक अवैध और अनैतिक कार्य है जो समाज में उच्च मानकों के खिलाफ है. यह धर्मिक और सामाजिक अवस्था को क्षीण करता है और विश्वास को हिंसक और अनुशासनहीन बना देता है.

इसके अलावा, चोरी किए गए चप्पल का स्वामी उसे नष्ट और अपमानित महसूस कर सकता है. सामाजिक और धार्मिक मूल्यों को समझते हुए, हमें अपने कार्यों में सजग और नैतिक बने रहना चाहिए और अन्यों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए. मंदिर के बाहर से चप्पल चुराने से पनौती/अपशगुन लगती है, यह एक आम धारणा है जो भारतीय समाज में प्रचलित है. इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं:

1. धार्मिक कारण: मंदिर को पवित्र स्थान माना जाता है, और चप्पल को अपवित्र. चप्पल चुराने का मतलब है कि आप मंदिर की पवित्रता का अपमान कर रहे हैं. चप्पल को देवता के प्रति श्रद्धा का प्रतीक भी माना जाता है. चप्पल चुराने का मतलब है कि आप देवता का अपमान कर रहे हैं.

2. सामाजिक कारण: चप्पल चुराना एक चोरी का कार्य है, और चोरी को गलत माना जाता है. चोरी करने से समाज में आपकी प्रतिष्ठा खराब हो सकती है. चप्पल चुराने से मंदिर में आने वाले अन्य लोगों को परेशानी हो सकती है.

3. मनोवैज्ञानिक कारण: चप्पल चुराने से नकारात्मक विचार और भावनाएं पैदा हो सकती हैं, जैसे कि डर, अपराधबोध और शर्म. चप्पल चुराने से व्यक्ति को पनौती या अपशगुन का डर लग सकता है. 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चप्पल चुराने से पनौती/अपशगुन लगती है, यह एक अंधविश्वास है. इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.

ज्योतिष शास्त्र में चप्पलों का महत्व 

ज्योतिष शास्त्र में चप्पलों को कई अलग प्रकार के दृष्टिकोण से महत्व दिया गया है. व्यक्ति के जीवन में चप्पलों का महत्व ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विविध गुणों और परिस्थितियों को दर्शाता है.

धन संबंधी: कुछ ज्योतिषीय धारणाएं मानती हैं कि विशेष प्रकार की चप्पल धन लाभ को बढ़ा सकती है.

स्वास्थ्य: ज्योतिष में कहा जाता है कि अच्छे गुणवत्ता वाली चप्पल न केवल आपके पैरों को सहारा देती है, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखती है.

भविष्यवाणी: कुछ लोग चप्पल की रंग, आकार, या मटेरियल को लेकर भविष्यवाणी करते हैं. इसके अनुसार, विशेष चप्पलों का चयन करके वे अपने भविष्य को सुधार सकते हैं.

ज्योतिषिय उपाय: ज्योतिष में कुछ चप्पलों को उपाय के रूप में भी माना जाता है. उन्हें पहनकर व्यक्ति की कुछ समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.

भाग्य और लक्ष्य: कुछ लोग मानते हैं कि विशेष प्रकार की चप्पल पहनने से भाग्य और लक्ष्य में सहायता मिलती है.

स्थानीय परंपरा: कई समुदायों और परंपराओं में चप्पलों को धार्मिक और सामाजिक प्रतीक के रूप में महत्व दिया जाता है.

सम्मान: कुछ लोग चप्पलों को उनके उत्तम गुणों का प्रतीक मानते हैं और इन्हें सम्मान के प्रतीक के रूप में पहनते हैं.

ज्योतिष में, यह अनुभव के आधार पर होता है और व्यक्ति की अन्य ज्योतिषीय दशाओं और ग्रहों की स्थिति के साथ जुड़ा होता है. इसलिए, चप्पलों को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी महत्व दिया जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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