Pitru Paksha 2024 Forth Shradh: भरणी श्राद्ध को महा भरणी श्राद्ध भी कहा जाता है. भरणी नक्षत्र के स्वामी यम हैं, जो मृत्यु के देवता माने जाते हैं. इसलिए, पितृ पक्ष के समय भरणी नक्षत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद केवल एक बार ही भरणी नक्षत्र श्राद्ध किया जाता है, लेकिन धर्म-सिन्धु के अनुसार, इसे प्रत्येक वर्ष भी किया जा सकता है. ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर गया में किए गए श्राद्ध (गया श्राद्ध) के समान लाभ मिलता है. पितृ पक्ष के दौरान, विशेषकर अपराह्न काल में भरणी नक्षत्र होने पर भरणी श्राद्ध का आयोजन किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल महालय पक्ष यानी पितृ पक्ष में भरणी नक्षत्र चतुर्थी या पञ्चमी तिथि को आता है.
चौथे श्राद्ध का अनुष्ठान समय
हिंदू पंचांग के अनुसार भरणी नक्षत्र सितम्बर 21, 2024 को 02:43 ए एम बजे से प्रारंभ होगा और ये सितम्बर 22, 2024 को 12:36 ए एम बजे तक रहेगा. महा भरणी श्राद्ध शनिवार, सितम्बर 21, 2024 को ही किया जाएगा. अब तर्पण का समय क्या है आप ये जान लें.
कुतुप मूहूर्त - 11:49 ए एम से 12:38 पी एम
रौहिण मूहूर्त - 12:38 पी एम से 01:27 पी एम
अपराह्न काल - 01:27 पी एम से 03:53 पी एम
भरणी श्राद्ध को चौथ भरणी या भरणी पञ्चमी के रूप में भी जाना जाता है. चतुर्थी तिथि के अपराह्न में भरणी नक्षत्र का होना चौथ भरणी के रूप में जाना जाता है, जबकि पञ्चमी तिथि पर इसे भरणी पञ्चमी कहा जाता है. वैसे आपको ये भी बता दें कि कुछ वर्षों में भरणी नक्षत्र तृतीया तिथि पर भी आ सकता है, इसलिए भरणी श्राद्ध किसी निश्चित तिथि से संबंधित नहीं है. पितृ पक्ष के श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं. इन श्राद्धों को संपन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण आदि शुभ मुहूर्त माने जाते हैं. यह महत्वपूर्ण है कि अपराह्न काल समाप्त होने तक श्राद्ध संबंधी अनुष्ठान को पूर्ण कर लिया जाए. श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)