Brahmasutra in Sanatan Dharma: ब्रह्मसूत्र वेदांत दर्शन का आधारभूत ग्रन्थ है. इसके रचयिता महर्षि बादरायण हैं. इसे वेदान्त सूत्र, उत्तर-मीमांसा सूत्र, शारीरक सूत्र और भिक्षु सूत्र आदि के नाम से भी जाना जाता है. ब्रह्मसूत्र में उपनिषदों की दार्शनिक एवं आध्यात्मिक विचारों को साररूप में एकीकृत किया गया है. ब्रह्मसूत्रों को न्याय प्रस्थान कहते हैं. न्याय प्रस्थान कहने का अर्थ है कि ये वेदान्त को पूर्णतः तर्कपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करता है. वेदान्त के तीन मुख्य स्तम्भ माने जाते हैं - उपनिषद्, श्रीमद्भगवद्गीता एवं ब्रह्मसूत्र. इन तीनों को प्रस्थानत्रयी कहा जाता है. इसमें उपनिषदों को श्रुति प्रस्थान, गीता को स्मृति प्रस्थान और ब्रह्मसूत्रों को न्याय प्रस्थान कहते हैं.
ब्रह्मसूत्र क्या है ?
ब्रह्मसूत्र में चार अध्याय हैं जिनके नाम हैं – समन्वय, अविरोध, साधन एवं फल. प्रत्येक अध्याय के चार पाद हैं. कुल मिलाकर इसमें 555 सूत्र हैं. समन्वय अध्याय अनेक वेदांत दर्शनों के बीच समन्वय स्थापित करने का प्रयास करता है. अविरोध अध्याय वेदांत दर्शन के विरोधियों के तर्कों का खंडन करता है. साधन अध्याय ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के साधनों का वर्णन करता है. फल अध्याय ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के फल का वर्णन करता है. ब्रह्मसूत्र को तीन प्रस्थानों में से एक माना जाता है, जो वेदांत दर्शन के आधारभूत ग्रंथ हैं. श्रुति प्रस्थान, स्मृति प्रस्थान और न्याय प्रस्थान. श्रुति प्रस्थानवेद और उपनिषद हैं. स्मृति प्रस्थान गीता, पुराण, और स्मृतियां हैं. न्याय प्रस्थान ब्रह्मसूत्र है. ब्रह्मसूत्र पर अनेक भाष्य लिखे गए हैं, जिनमें शंकराचार्य का भाष्य सबसे प्रसिद्ध है.
ब्रह्मसूत्र में मुख्य रूप से इन विषयों पर विचार किया गया है
ब्रह्म: ब्रह्म क्या है? ब्रह्म की प्रकृति क्या है? ब्रह्म का स्वरूप क्या है?
आत्मा: आत्मा क्या है? आत्मा का स्वरूप क्या है? आत्मा और ब्रह्म का संबंध क्या है?
जगत्: जगत् क्या है? जगत् की उत्पत्ति कैसे हुई? जगत् का स्वरूप क्या है?
ज्ञान: ज्ञान क्या है? ज्ञान के प्रकार क्या हैं? ज्ञान प्राप्त करने के साधन क्या हैं?
मोक्ष: मोक्ष क्या है? मोक्ष प्राप्त करने का मार्ग क्या है? मोक्ष की प्राप्ति से क्या लाभ होता है?
ब्रह्मसूत्र वेदांत दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ है. यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जो वेदांत दर्शन के बारे में अधिक जानना चाहते हैं. ये एक जटिल ग्रन्थ है और इसे समझने के लिए आपको वेदांत दर्शन की मूल बातों की जानकारी होनी चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau