Advertisment

Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में

Types Of Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वैसे तो काल सर्प दोष का मतलब ही होता है व्यक्ति के जीवन में परेशानियां. लेकिन सिर्फ दोष जान लेने से फायदा नहीं होता. असल में जरूरी है ये जानना कि काल सर्प दोष कितने प्रकार का होता है और उनका प्रभाव कैसे पड़ता है.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
Types Of Kaal Sarp Dosh

Types Of Kaal Sarp Dosh( Photo Credit : social media)

Advertisment

Types Of Kaal Sarp Dosh: कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार के होते हैं. इन 12 प्रकारों के अलावा, कुछ ज्योतिषी 5 और 27 प्रकार के कालसर्प दोष भी बताते हैं. प्रत्येक प्रकार का कालसर्प दोष अलग-अलग भावों में राहु और केतु की स्थिति के अनुसार निर्धारित होता है, और इसका प्रभाव भी व्यक्ति की कुंडली में अन्य ग्रहों और योगों के आधार पर अलग होता है. अगर किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में राहु और केतु ग्रहों की स्थिति अशुभ होती है, तो उसे कालसर्प दोष कहा जाता है. इसे अस्त्रोलॉजी में अधिक प्रभावशाली माना जाता है, और इसे दूर करने के लिए विशेष उपायों का पालन किया जाता है. कालसर्प दोष को मुख्य रूप से जीवन में आने वाली संकटों, स्थानीय और आर्थिक तंगी, और अस्थिरता से जोड़ा जाता है. यह दोष व्यक्ति के जीवन में अधिकतर प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य सम्बंधित, परिवारिक, वित्तीय, और व्यावसायिक समस्याएं.

1. अष्टकुली कालसर्प योग में  राहु और केतु कुंडली के आठ भावों में स्थित होते हैं. जिन लोगों की कुंडली में ये दोष होता है उन्हें जीवन में अनेक बाधाएं और कठिनाइयां आ सकती हैं. धन, स्वास्थ्य, और संतान संबंधी परेशानियां हो सकती हैं. व्यक्ति को मानसिक अशांति और तनाव का सामना करना पड़ सकता है. 

2. शेषनाग कालसर्प योग तब बनता है जब राहु और केतु कुंडली के छह भावों में स्थित होते हैं. इससे जातक को ऋण, रोग, और शत्रुओं से परेशानी हो सकती है. नौकरी और व्यापार में बाधाएं आ सकती हैं. वैवाहिक जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं. 

3. गोमनाग कालसर्प योग राहु और केतु की इस स्थिति को देखकर बताया जाता है जब राहु-केतु कुंडली के पांच भावों में स्थित होते हैं. संतान प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है. शिक्षा और करियर में बाधाएं आ सकती हैं. धन हानि और अपव्यय हो सकता है. 

4. राहु और केतु कुंडली के चार भावों में स्थित होते हैं तो पद्मनाग कालसर्प योग बनता है. इससे माता-पिता और बड़ों के साथ मतभेद हो सकते हैं. सुख-सुविधाओं में कमी हो सकती है. मानसिक तनाव और चिंता रह सकती है. 

5. शंखपाल कालसर्प योग में राहु और केतु कुंडली के तीन भावों में स्थित होते हैं. इससे भाई-बहनों से मतभेद हो सकते हैं. साहस और आत्मविश्वास में कमी हो सकती है. दुर्घटना और चोट का खतरा रहता है. 

6. चक्रवर्ती कालसर्प योग की बात करें तो ये तब बनता है जब राहु और केतु कुंडली के दो भावों में स्थित होते हैं. इससे धन प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है. ऋण और मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. 

7. भद्रपाद कालसर्प योग में राहु और केतु कुंडली के लग्न और सप्तम भाव में स्थित होते हैं. इससे वैवाहिक जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं. जीवनसाथी से मतभेद हो सकते हैं. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है. 

8. अष्टकुली कुंडली कालसर्प योग में राहु और केतु कुंडली के सभी 12 भावों में स्थित होते हैं. जीवन के सभी पहलुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. व्यक्ति को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. मजबूत इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच से ही इस योग का प्रभाव कम किया जा सकता है.

9. राहु और केतु कुंडली के 11 भावों में स्थित होते हैं तो कच्छप कालसर्प योग बनता है. इससे लाभ में कमी, व्यर्थ के खर्च, मानसिक अशांति, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती हैं. 

10. वासुकी कालसर्प योग तब बनता है जब राहु और केतु कुंडली के 10 भावों में स्थित होते हैं. अगर किसी जातक की कुंडली में ये दोष है तो उसके व्यवसाय में बाधा, मान-सम्मान में कमी, अपयश, ऋण ऐसी समस्याएं आएंगी. 

11. कार्तिक कालसर्प योग की बात करें तो राहु और केतु कुंडली के नौ भावों में स्थित होते हैं तो ये दोष लगता है. इससे पिता के साथ मतभेद, भाग्य में अस्थिरता, मानसिक अशांति, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आती हैं. 

12. तक्षक कालसर्प योग राहु और केतु कुंडली के आठ भावों में स्थित होते हैं. अगर किसी की कुंडली में ये दोष है तो उसके जीवन में अनेक बाधाएं, मानसिक अशांति, धन-हानि होने की संभावना बनी रहती है. 

कालसर्प दोष को निराकरण करने के लिए कई प्रकार के पूजा-पाठ, दान-धर्म, और विशेष उपाय किए जाते हैं. यह दोष सही उपायों के अभाव में व्यक्ति के जीवन में विघ्न और संघर्ष पैदा कर सकता है, इसलिए लोग इसे निराकरण करने के लिए ज्योतिषियों या पंडितों की सलाह लेते हैं.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है

यह भी पढ़ें:Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Religion News Religion kaal sarp dosh Types Of Kaal Sarp Dosh
Advertisment
Advertisment