Kojagari Lakshmi Puja 2024 Date: बंगाल में विजयादशमी के पांच दिन बाद शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इसे बंगाली में कोजागोरी लोक्खी पूजा (Kojagari Lokkhi Puja) कहते हैं. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा रात में ही की जाती है. कोजागरी शब्द संस्कृत के 'कोजागर' शब्द से बना है जिसका अर्थ है 'जागना'. इस दिन रात को जागकर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार कोजागरी लोकखी पूजा शरद पूर्णिमा के दिन की जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा समृद्धि, धन और खुशहाली की कामना के लिए की जाती है. माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. खुशहाली की कामना करते हुए इस पर्व पर घरों में दीपक जलाए जाते हैं और मिठाई बनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें बहुत शुभ मानी जाती हैं. इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाई जाती है और उसे चंद्रमा को अर्पित किया जाता है.
कोजागरी लोकखी पूजा कब है? (When is Kojagari Lokkhi Puja?)
कोजागर पूजा बुधवार, अक्टूबर 16, 2024 को है. हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि अक्टूबर 16, 2024 को 08:40 पी एम बजे से प्रारंभ होगी जो अगले दिन अक्टूबर 17 को शाम 04:55 पी एम बजे तक रहेगी.
कोजागरी लोकखी पूजा का शुभ मुहूर्त (Auspicious time of Kojagari Lokkhi Puja)
- कोजागर पूजा निशिता काल - 11:42 पी एम से 12:32 ए एम, अक्टूबर 17 तक है. यानि पूजा के लिए आपको सिर्फ 50 मिनट का समय मिलेगा.
- कोजागर पूजा के दिन चन्द्रोदय - 05:05 पी एम है.
कोजागरी पूजा की विधि (Kojagari Lokkhi Puja Vidhi)
इस दिन घर को अच्छी तरह से साफ करके घर के मंदिर में दीपक जलाए जाते हैं. मां लक्ष्मी की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराकर उसे साफ कपड़ों से सजाया जाता है. उनको फूल, फल, मिठाई और धूप-दीप अर्पित करके उनके मंत्रों का जाप किया जाता है. चंद्रमा की रोशनी में बनी खीर को मां लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है. जिसे कोजागरी पूजा के दौरान खाते हैं. वैसे इस दिन खीर के अलावा, कई तरह की अन्य मिठाइयां, फल और अन्य व्यंजन भी बनाए जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)