"राम रसिक" एक विशेष शब्द है जो आमतौर से भक्तिभाव से जुड़ा हुआ है और इसका अर्थ होता है "भगवान राम के प्रेमी" या "राम के भक्त". यह शब्द विशेषत: हिन्दू धर्म में उन व्यक्तियों के लिए प्रयुक्त होता है जो भगवान राम के अत्यंत भक्तिभाव से संबंधित हैं और उनकी पूजा-अराधना करते हैं। इसे आमतौर पर भगवान राम के अनुयायियों और भक्तों को समर्पित किया जाता है. राम रसिक भक्तिभाव से भरा हुआ व्यक्ति होता है जो अपने जीवन में राम चरित्र और राम भक्ति के मूल्यों का पालन करता है.
"राम रसिकों की कहानी" एक रूप में भगवान राम के विशेष भक्तों की उत्कृष्टता, प्रेम, और भक्ति को दर्शाने वाली कई कहानियों का संग्रह हो सकता है. ये कहानियां भगवान राम के चरित्र, लीलाएं, और उनके भक्तों के प्रेम को साझा करती हैं और राम भक्ति में समर्पित राम रसिकों के जीवन की उदाहरण प्रस्तुत करती हैं.
तुलसीदास - रामचरितमानस:
तुलसीदास, जिन्होंने "रामचरितमानस" नामक ग्रंथ को रचा, भगवान राम के अत्यंत भक्त थे. उनकी कहानी में वह भगवान राम की प्रेम भक्ति को बहुत उत्कृष्ट रूप से व्यक्त करते हैं.
हनुमान - रामायण:
हनुमान, भगवान राम के परम भक्त, उनके भक्ति और सेवा भाव का प्रतीक हैं। हनुमान ने लंका जलाने, सीता माता को उद्धार करने, और राम के चरणों में अपनी सब कुछ समर्पित करने के बारे में अनेक कथाएं हैं.
मीराबाई - राम भक्त:
मीराबाई, राजपूताना की राजकुमारी और भक्त, ने भी अपने कविताओं में भगवान राम के प्रेम का अद्वितीय रूप में व्यक्त किया. उनकी कविताएं राम रसिकों के लिए अद्भुत भक्ति भावना को दिखाती हैं.
कबीरदास - भक्ति कवि:
कबीरदास, भगवान की भक्ति में रत, ने भगवान राम के गुणों की महिमा को अपनी दोहों में बयान किया. उनकी कविताएं राम रसिकों को भगवान के प्रति अद्वितीय प्रेम का अहसास कराती हैं.
ये थीं कुछ उदाहरण जो राम रसिकों की कहानियों को दिखाती हैं, जो भगवान राम के प्रति उनके अद्वितीय प्रेम और समर्पण को बयान करती हैं.
Source : News Nation Bureau