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Mythological Story: क्या होती है शनिदेव की छाया, शनि का रंग क्यों है काला जानिए ये पौराणिक कथा 

Mythological Story of Shani Dev: सूर्य पुत्र शनिदेव को कभी सूर्यदेव नें क्यों स्वीकार नहीं किया. आखिर शनिदेव का रंग काला क्यों है. जानें ये पौराणिक कथा

Updated on: 27 Jun 2024, 02:27 PM

नई दिल्ली:

Mythological Story: शनि देव की छाया जब किसी पर पड़ती है तो हमेशा आपका नुकसान होता है. ये गलत मिथ्या है. आप लोगों ने कभी ध्यान दिया है कि शनि देव की जहां भी प्रतिमा देखेंगे वो काले पत्थरों से बनी होती है या काले रंग की होती है. शनि देव का पूरा मंदिर भी ज्यादातर जगहों पर काले पत्थरों से या काले रंग से रंगा होता है. इसके पीछे भी एक कारण है. एक वक्त था जब सूर्य देव की पत्नी उनसे दूरी बना रही थी, उनसे दूर जाना चाह रही थी और वो अपने माता-पिता के पास लौट गई. जब वो अपने माता-पिता के पास लौटी उसके पहले उन्होंने अपना एक क्लोन तैयार किया. एक प्रतिबिंब जिसका नाम उन्होंने रखा छाया और उसको समझाया कि सूर्य देव को ये पता नहीं चलना चाहिए कि मैं उनके आसपास नहीं हूं. सूर्य देव को ये बात नहीं पता थी.

सूर्यदेव ने छाया को अपनी पत्नी समझ कर छाया के साथ जो बच्चे किए उनमें से एक बच्चे का नाम है शनि. छाया मतलब साया, इसीलिए शनि देव जो हैं क्योंकि वो छाया के पुत्र हैं इसलिए काले हैं और आपने सुना होगा कि शनि की छाया वो छाया जो है वो शनि की माँ का नाम है

अगर किसी पर शनि की छाया है तो कहा जाता है उसे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. हनुमान जी के अगर आप भक्त हैं तो ये माना जाता है कि शनि का प्रकोप आप पर कम होता है, इसीलिए हर घर में हनुमान जी की पूजा सबसे ज्यादा होती है. हर घर में हनुमान चालीसा होता है क्योंकि शनि हनुमान भक्त को उतना नुकसान चाह के भी नहीं पहुंचा सकते जो बाकियों को होता है. 

तो यह है शनि देव जिनकी मां का नाम है छाया ये कारण है जिसके कारण उनका रंग काला माना जाता है. इसीलिए उनका मंदिर और उनकी मूर्तियां या काले रंग की होती है या काले पत्थर से बनाई जाती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)