History of Islam: भारत के इतिहास में अरबों के आक्रमण की गहरी छाप है. 712 ईस्वी में मोहम्मद बिन कासिम वह मुस्लिम आक्रमणकारी थे जिन्होने भारत पर पहला आक्रमण किया और सिंध प्रांत पर विजय प्राप्त की. इस्लाम धर्म की स्थापना से पहले अरब समाज में लोग अलग-अलग जनजातियों में रहते थे और घुमंतू जीवन जीते थे. हर जनजाति के अपने-अपने देवी-देवता होते थे जिनकी वे पूजा करते थे. इन जनजातियों का नेतृत्व शेख नामक व्यक्ति करता था जिसे आमतौर पर पारिवारिक संबंधों के आधार पर चुना जाता था. छठी शताब्दी तक इन जनजातियों ने व्यापार को अपनी जीविका का प्रमुख साधन बना लिया और इसका सबसे बड़ा प्रभाव पश्चिमी अरब के केंद्रीय हिस्से जिसे हिजाज कहा जाता है में देखा गया. हिजाज में मक्का और मदीना इस्लाम के प्रमुख स्थल स्थित हैं.
मोहम्मद साहब ने 612 ईस्वी में खुद को अल्लाह का पैगंबर बताया और लोगों को अल्लाह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने की शिक्षा दी. मोहम्मद साहब का दावा था कि उन्हें 15 वर्षों तक गुफा में ध्यान करने के बाद अल्लाह के दर्शन हुए थे. उन्होंने सबसे पहले खदीजा नामक एक 45 वर्षीय विधवा महिला के साथ अपने धर्म का प्रचार शुरू किया, जो इस्लाम को स्वीकार करने वाली पहली महिला बनीं. इसके बाद मोहम्मद साहब ने खदीजा से विवाह किया और अपने शेष जीवन में अल्लाह और इस्लाम के संदेश (islamic message) का प्रचार किया.
मोहम्मद बिन कासिम का भारत पर आक्रमण
अरबों द्वारा भारत पर पहला आक्रमण 712 ईस्वी में हुआ था. इस दौराम मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर विजय प्राप्त की थी. मोहम्मद बिन कासिम हज्जाज बिन यूसुफ का भतीजा और दामाद था जो उस समय इराक का गर्वनर था. हज्जाज ने मोहम्मद बिन कासिम को 17 वर्ष की आयु में सिंध पर आक्रमण करने के लिए भेजा. अरब व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत में अपार खजाना होने की खबरें थीं, जिसने हज्जाज को भारत पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया.
मोहम्मद बिन कासिम ने राजा दाहिर के साथ युद्ध किया, जो सिंध का शासक था. कासिम ने बड़ी चतुराई से राजा दाहिर के विरोधियों को अपने पक्ष में किया जिससे उसे सैनिकों की कोई कमी नहीं हुई. युद्ध के दौरान, राजा दाहिर ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी लेकिन कासिम ने चालाकी से राजा के हाथी पर जलते हुए तीर मारे, जिससे हाथी बेकाबू हो गया और नदी में चला गया. राजा दाहिर के उतरते ही कासिम ने उस पर हमला किया और उसकी हत्या कर दी.
सिंध और मुल्तान की विजय
राजा दाहिर की मृत्यु के बाद, मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर पूरी तरह कब्जा कर लिया और उसकी बेटियों को खलीफा के पास भेज दिया. इसके बाद कासिम ने मुल्तान की ओर कूच किया और वहां भी विजय प्राप्त की. मुल्तान को 'सुनहरा शहर' नाम दिया गया क्योंकि कासिम को वहां अपार संपत्ति मिली थी. इस प्रकार, मोहम्मद बिन कासिम ने भारत पर अरबों के पहले आक्रमण की शुरुआत की और धीरे-धीरे इस्लाम (history of islam) को भारत में स्थापित करने का प्रयास किया. अरबों के आक्रमण से भारत की संस्कृति और धर्म पर गहरा प्रभाव पड़ा. इस्लामी आक्रमणकारियों ने भारत के मूल धर्म और संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया और इस्लाम को यहां स्थापित करने की कोशिश की.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)