Shani Shingnapur: शनि शिंगणापुर मंदिर का क्या है इतिहास, जाने यहां पूजा के नियम

Shani Shingnapur: शनिदेव के प्रति भक्ति और विश्वास के कारण यहां पर लाखों श्रद्धालु वार्षिक रूप से आते हैं. शनि शिंगणापुर मंदिर को अनेक कथाओं और पौराणिक कथाओं से जोड़ा जाता है.

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Inna Khosla
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shani shingnapur temple( Photo Credit : News Nation)

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Shani Shingnapur: शनि शिंगणापुर भारतीय राज्य महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में स्थित है. यहां पर स्थित शनिदेव मंदिर भारत में शनि देव के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. मंदिर का निर्माण श्री शिवजी महाराज ने किया था. इस मंदिर में शनि देव की मूर्ति विराजमान है जिसे बाला गणपति के साथ देवी भद्रकाली की मूर्ति भी साथ में है. शनिदेव के प्रति भक्ति और विश्वास के कारण यहां पर लाखों श्रद्धालु वार्षिक रूप से आते हैं. शनि शिंगणापुर मंदिर को अनेक कथाओं और पौराणिक कथाओं से जोड़ा जाता है. यहां पर शनि देव की उपासना, पूजा, और व्रत का विशेष महत्व है. शनि शिंगणापुर मंदिर की विशेषता यह है कि यहां पर किसी भी व्यक्ति को किसी भी दिन अनिवार्य रूप से प्रसाद दिया जाता है. यहां पर भक्तों का भरपूर स्वागत किया जाता है और उन्हें आत्मिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है.

शनि शिंगणापुर मंदिर में पूजा के नियम:

पहले दर्शन: शनिवार को सुबह जल्दी मंदिर पहुंचें. मंदिर के द्वार पर 'नंदी' को प्रणाम करें. मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले तेल, फूल, और फल खरीद लें. मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले चमड़े के वस्त्र (जूते, बेल्ट, बैग) उतार दें. मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है. मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले पुरुषों को साफ-सुथरे और साधारण कपड़े पहनने चाहिए.

पूजा: शनिदेव की मूर्ति के सामने सरसों का तेल चढ़ाएं. शनिदेव को काले रंग के फूल और फल अर्पित करें. शनिदेव की मूर्ति के सामने 'ॐ शं शनिश्चराये नमः' मंत्र का जाप करें. शनिदेव से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें.

दर्शन: शनिदेव की मूर्ति को चरणों से दर्शन करें. शनिदेव की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं. मंदिर परिसर में मौजूद अन्य देवी-देवताओं के भी दर्शन करें.

दक्षिणा: अपनी इच्छानुसार दक्षिणा चढ़ाएं.

मंदिर परिसर में शोर-शराबा ना करें. किसी भी प्रकार का कचरा ना फेंकें, अश्लीलता ना करें, मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की हिंसा ना करें. 

यह भी ध्यान रखें कि शनि शिंगणापुर मंदिर में कोई पुजारी नहीं है. शनि शिंगणापुर मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक पत्थर है. शनि शिंगणापुर मंदिर में 'छाया दान' का विशेष महत्व है. इस मंदिर में 'शनिवार अमावस्या' का विशेष महत्व है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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