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Rohini Vrat: जैन धर्म में क्या है रोहिणी व्रत की महत्त्वता, जानें सही पूजा-विधि

Rohini fast in Jainism: जैन धर्म में रोहिणी व्रत का बहुत महत्त्व है. ये व्रत कब आता है और इस व्रत की पूजा करने की सही विधि क्या है आइए जानते हैं. 

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Inna Khosla
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What is the importance of Rohini fast in Jainism

Rohini fast in Jainism( Photo Credit : news nation)

What is Rohini Vrat in Jainism: जैन धर्म में रोहिणी व्रत का बहुत महत्त्व है. साल में 12 बार ये व्रत आता है. इस महीने 4 अक्टूबर 2023 को रोहिणी व्रत है. माता लक्ष्मी को समर्पित रोहिणी व्रत तब रखा जाता है जब सूर्योदय के बाद रोहिणी नक्षत्र पड़ता है. जैन धर्म में ये व्रत भगवान वासु स्वामी की पूजा करने के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि ये व्रत जैन धर्म की महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं. 

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रोहिणी व्रत के दिन नक्षत्र के बारे में बात करें तो रोहिणी नक्षत्र तब बनता है जब 27 नक्षत्र एक साथ आ जाते हैं, इस शुभ योग पर अगर कोई कार्य किया जाए तो उसमें सफलता के भी प्रबल योग बनते हैं. जो लोग इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं उनके जीवन में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती. जो भी महिलाएं जैन धर्म या को किसी दूसरे धर्म की हों इस शुभ नक्षत्र में पूजा करके अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. 

रोहिणी व्रत की पूजा विधि 

- रोहिणी व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए. 

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- नए वस्त्र धारण करने के बाद व्रत का संकल्प लें. 

- सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें

- एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. मां लक्ष्मी को नए वस्त्र और श्रृंगार अर्पित करें.

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- इसके बाद देवी लक्ष्मी को फल, फूल, धूप-दीप आदि चढ़ाएं.

- लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें.

- मां लक्ष्मी को भोग लगाएं और आरती करें.

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-  इस व्रत का पारण रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने पर मार्गशीर्ष नक्षत्र में किया जाता है.

- शाम के समय व्रत का पारण करें और चंद्र को अर्घ्य दें. 

तो आप अगर जैन धर्म का पालन करते हैं तो आप रोहिणी व्रत 4 अक्टूबर को रखेंगे. जो लोग मां लक्ष्मी के आराधक है वो भी कल के दिन व्रत रखते हैं. रोहिणी नक्षत्र का ये योग बेहद शुभ माना जाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

Source : News Nation Bureau

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