Shani Dev: न्याय प्रिय शनिदेव की कुदृष्टि से सब डरते हैं लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव की पत्नी के श्राप के कारण उनकी वक्री दृष्टि का नकारात्मक प्रभाव लोगों पर पड़ने लगा. हालांकि सब लोग शनि के गुस्से से डरते हैं, लेकिन स्वयं शनि देव अपनी पत्नी के गुस्से के शिकार हो चुके हैं. शनिदेव की पत्नी कौन हैं इस बारे में कम लोगों को जानकारी है. लेकिन आपको बता दें कि शनिदेव की पत्नी नीलमंदा हैं और उन्हीं के श्राप के कारण शनि की वक्री दृष्टि से लोग तबाह होते हैं. लेकिन नीलमंदा कौन थी और उन्होंने अपने ही पति शनि को श्राप क्यों दिया, ये जानने के लिए ये पौराणिक कथा पढ़ते हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार शनिदेव ध्यान में मग्न थे. भगवान विष्णु के भक्त शनिदेव उस समय द्वापर में जन्में विष्णु जी के कृष्ण अवतार के दर्शन पाने के लिए घोर तपस्या कर रहे थे. लेकिन पुत्र प्राप्ति की इच्छा लेकर जब उनकी पत्नी नीलमंदा उनके पास पहुंची तो उनका ध्यान भंग नहीं हुआ. वो अपनी तपस्या में लीन थे. हालांकि नीलमंदा ने अपने सौंदर्य से अपने पति शनिदेव को रिझाने की खूब कोशिश की लेकिन जब लाख कोशिशों के बाद भी उनकी तपस्या भंग नहीं हुई तो गुस्से में नीलमंदा ने शनिदेव को श्राप दिया कि जिस पर भी शनिदेव की वक्री दृष्टि पड़ेगी वो तबाह हो जाएगा.
हालांकि शनिदेव अपनी पत्नी के स्वभाव के परिचित थे. उनका तप जब पूरा हुआ और उन्हें उस श्राप के बारे में पता चला तो उन्होंने अपनी पत्नी को ये समझाने की कोशिश की कि उसने कितना गलत किया है. नीलमंदा का स्वभाव बुहत ही अस्थिर था जिस वजह से वो परेशान हो गयी. शनिदेव ने एक-एक करके उन्हें समझाया कि उनमें कितने बदलाव की जरूरत है. एक अप्सरा होने के कारण नीलमंदा को कभी ये एहसास नहीं हुआ था कि वो कितनी गलत है. लेकिन उसने एक-एक करते अपनी गलतियां सुधारी और उनके ये अवगुण एक-एक करते देवी का रूप लेने लगे जो 8 स्वरूप बनें.
तब से ये कहा जाने लगा कि शनिदेव की एक नहीं बल्कि 8 पत्नियां हैं. लेकिन भूलवश उसके श्राप के कारण जीवनभर शनिदेव को सिर झुकाकर चलना पड़ा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau