Advertisment

Religious History of Banaras: क्या है बनारस का धार्मिक इतिहास, जानें शिव की नगरी में छुपे अनसुने रहस्य

Religious History of Banaras: बनारस को शिव की नगरी कहते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि क्यों इसे शिव नगरी कहा जाता है. बनारस जिसे वाराणसी भी कहते हैं इसका धार्मिक इतिहास क्या है.

author-image
Inna Khosla
New Update
Religious History of Banaras

Religious History of Banaras( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

Religious History of Banaras: बनारस और हिन्दू धर्म की बात करें तो हमारे सभी प्रमुख धर्म ग्रंथो में जैसे वेद, पुराण, साहित्य और महाभारत आदि में बनारस का काशी नाम से वर्णन है. स्कंद पुराण के काशीखंड में लगभग 15,000 श्लोकों में काशी के कई तीर्थों का वर्णन किया गया है. काशी को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस नगरी को भगवान शिव ने बसाया था. देवी पार्वती से विवाह करने के बाद भगवान शिव देवी पार्वती के साथ काशी आये थे और उन्होंने इस जगह को कभी भी छोड़कर ना जाने की बात कही थी. तब से ही काशी शिव की नगरी कहलाने लगी. इस शहर की हर गली, हर कूचे में आपको शिव जी की गहरी छाप देखने को मिल जाएगी. 

बनारस के प्रसिद्ध मंदिर 

इस शहर में वैसे शिव के असंख्य शिव मंदिर हैं लेकिन, अगर सबसे प्रसिद्ध मंदिर की बात करें तो वो काशी विश्वनाथ मंदिर है. इसके अलावा बारहवीं सदी में बना कर्दमेश्वर महादेव मंदिर और गोपुरम शैली में बना केदारेश्वर मंदिर भी बहुत फेमस है. भगवान शिव के अलावा यहां अन्य देवी देवताओं के भी बेहद प्रसिद्ध मंदिर हैं, जैसे संकटमोचन हनुमान मंदिर, जिसकी स्थापना महाकवि तुलसी दास ने की थी. यहां देवी दुर्गा के एक रूप कुष्मांडा देवी का भी पुराना मंदिर स्थित है. काशी विश्वनाथ मंदिर के पास माता अन्नपूर्णा का भी एक मंदिर है. ये मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भक्तों में प्रसाद का वितरण भगवान को भोग लगाने से पहले किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि हिन्दू ट्रैनिटी के भगवान ब्रह्मा की कही भी पूजा नहीं होती. भारत में उनका सिर्फ एक मंदिर है जो राजस्थान के पुष्कर में है. लेकिन ये बात सच नहीं है. बनारस में ब्रह्मा का मंदिर है और उनका पुष्कर तालाब भी है. 

बनारस का धार्मिक महत्व 

हिन्दू धर्म में बनारस का बहुत महत्त्व है.अगर बौद्ध धर्म में इस जगह के महत्त्व की बात करें तो वाराणसी से लगभग 13 किलोमीटर दूर सारनाथ है जहां पर गौतम बुद्ध ने पहली बार धम्म को पढ़ाया था, और जहां बौद्ध संघ कोंडन्ना के ज्ञान के माध्यम से अस्तित्व में आया था. प्राचीन काल में ये जगह अपनी मूर्ति कला के लिए भी बेहद प्रसिद्ध रहा है. दुनियाभर के कई बौद्धमत के अनुयायी देशों ने यहां अपने अपने बौद्ध मंदिर बनवाए हैं. बनारस जैन धर्म का भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए जिनमें से चार तीर्थंकरों का जन्म वाराणसी में ही हुआ है, जिनमें से सातवें तीर्थंकर सुपाश्वनाथ, अष्टम तीर्थंकर चंद्र प्रभु, ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांशनाथ और तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ शामिल हैं. तो सब बातें हुई उन धर्मों के बारे में जिनका बनारस से गहरा रिश्ता है.

देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation ‬के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Kashi Vishwanath Temple Varanasi Temples mythological stories Religious History of Banaras
Advertisment
Advertisment
Advertisment