Jyotirlinga Significance: ज्योतिर्लिंग शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है: ज्योति और लिंग. ज्योति का अर्थ है प्रकाश और लिंग का अर्थ है प्रतीक. ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 स्वयंभू मंदिरों को दर्शाता है, जहाँ वे स्वयं प्रकट हुए थे. इन मंदिरों में, भगवान शिव को ज्योति के रूप में पूजा जाता है, जो अनंत प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक है. इसका महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है, लेकिन यह अन्य धर्मों में भी उपासित है. ज्योतिर्लिंग को महादेव शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे पूजा का विषय बनाया जाता है. ज्योतिर्लिंग के पूजन से शिव भक्ति और ध्यान में आसक्ति बढ़ती है. इस पूजा में भक्त शिव के नाम का जप करते हैं, ध्यान करते हैं, और उनके लीला को याद करते हैं. ज्योतिर्लिंग का ध्यान करने से मन और आत्मा की शांति मिलती है और व्यक्ति को अपने आध्यात्मिक उत्थान की अनुभूति होती है. ज्योतिर्लिंग के महत्व को स्त्री-पुरुष, अंधेरे-प्रकाश की प्रतीकता के रूप में भी देखा जाता है. यह इसे समस्त ब्रह्मांड के सृष्टिकर्ता और संहारक का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिर्लिंगों का तीर्थयात्रियों के लिए बहुत महत्व है. भारत में विभिन्न स्थानों पर अनेक प्रमुख और पवित्र ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, जैसे केदारनाथ, सोमनाथ, महाकालेश्वर, भीमशंकर, विश्वनाथ, रामेश्वरम, नागेश्वर, गृष्णेश्वर, मल्लिकार्जुन, और वैद्यनाथ. ये स्थान भक्तों के लिए ध्यान और साधना के स्थल के रूप में महत्वपूर्ण हैं और उन्हें शिव की कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिर्लिंग का धार्मिक महत्व बहुत उच्च है, और इसकी पूजा और उनके दर्शन से व्यक्ति को आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है.
ज्योतिर्लिंग का इतिहास पुराणों में मिलता है. शिव पुराण, लिंग पुराण और स्कंद पुराण में इन 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में लिखा गया है. इन पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों के रूप में प्रकट होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए थे. ज्योतिर्लिंग का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है. इन मंदिरों को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. शिव पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करता है, वह मोक्ष प्राप्त करता है.
ज्योतिर्लिंग के 12 नाम और उनके स्थान:
- सोमनाथ, गुजरात
- मल्लिकार्जुन, आंध्र प्रदेश
- महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश
- ओंकारेश्वर, मध्य प्रदेश
- केदारनाथ, उत्तराखंड
- भीमाशंकर, महाराष्ट्र
- विश्वनाथ, उत्तर प्रदेश
- त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
- वैद्यनाथ, झारखंड
- नागेश्वर, गुजरात
- रामेश्वरम, तमिलनाडु
- घुश्मेश्वर, महाराष्ट्र
ज्योतिर्लिंग के मंदिरों में हर साल लाखों भक्त दर्शन करने जाते हैं. इन मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त उनसे अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau