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गोवर्धन और भैयादूज का क्या है महत्व? यहां जानें शुभ मूहूर्त और पूजा-पाठ के नियम

Govardhan Puja 2023: दिवाली के बाद आज गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया गया. कल यानी बुधवार को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा. भाईदूज के महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में श्री गौर प्रभु जी ने जानकारी दी है.

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Suhel Khan
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Goverdhan Puja

Govarham Puja 2023( Photo Credit : News Nation)

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Govardhan Puja 2023: दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भैयादूज का काफी महत्व माना जाता है. दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और इसके बाद भैयादूज का त्योहार मनाया जाता है. इस बार मंगलवार को गोवर्धन पूजा की गई. श्री गौर प्रभु के मुताबिक, गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन होता है. जिसका शुभारंभ भगवान श्रीकृष्ण ने किया था. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गोवर्धन पूजा को प्रकृति की पूजा माना जाता है. इसीलिए इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसकी पूजा करते हैं. 

क्या है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

श्री गौर प्रभु के मुताबिक, इस बार गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर सुबह 6.43 से दोपहर दो बजे तक का है. लेकिन कुछ मान्यताओं के मुताबिक, इस बार गोवर्धन पूजा का समय मंगलवार के दिन होने की वजह से सोमवार से ही गोवर्धन पूजा शुरू हो गई थी. वेदों में गोवर्धन पूजा के दिन वरुण, इंद्र, अग्नि की पूजा करने का भी विधान है. ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा करने से परिवार में शांति और समृद्धि आती है. गोवर्धन पूजा के दिन गाय के गोबर से कृतिम गोवर्धन पर्वत बनाने का विधान है. इसके बाद इसकी पूजा की जाती है.

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क्या हैं भैयादूज मनाने के धार्मिक नियम

श्री गौर प्रभु के मुताबिक, भैयादूज के मौके पर भाई अपनी बहन की सुरक्षा की सौगंध खाता कि वह हमेशा सुख-दुख में अपनी बहन का साथ देगा और मुसीबत पड़ने पर उसकी रक्षा करेगा. भाईदूज के दिन बहनें अपने भाई के घर जाती है. भैयादूज का त्योहार शुभ मुहूर्त पर मनाया जाना शुभ माना जाता है और इससे लाभ मिलता है. इस पर्व को भाई बहन का सबसे अच्छा पर्व माना जाता है. जिसमें भाई अपनी बहन की रक्षा की सौगंध खाता है और बहन अपने भाई का तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है. ये पर्व भाई और बहन दोनों के लिए काफी अहम होता है. तिलक लगाने के बाद भाई अपनी बहन को उपहार देता है.

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कब है भाईदूज का शुभ मुहूर्त

इस बार भाईदूज का शुभ मुहूर्त बुधवार यानी 15 नवंबर सुबह 6.44 बजे से लेकर सुबह 9.10 बजे तक का है. यानी इस समय बहनें अपने भाई को तिलक लगा सकता हैं और भाई अपनी बहन की सुरक्षा की सौगंध खा सकता है, याद रहे भाईदूज को शुभ मुहूर्त पर मनाना शुभ होता है और शुभ मुहूर्त के कई लाभ भी मिलते हैं. वहीं भैयादूज के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त 15 नवंबर की सुबह 10.40 बजे शुरु होगा. जो दोपहर 12 बजे तक रहेगा. दोनों शुभ मुहूर्त में भाई को तिलक किया जा सकता है. इस दिन सुबह उठकर चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए. उसके बाद साफ पानी से स्नान करना भी शुभ माना जाता है. बहनें अपने भाई के लिए आरती की थाली सजाएं और भाई को तैयार होकर तिलक लगाना शुभ होता है. इस दौरान बहनों को थाली में कुमकुम, चंदन, सिंदूर, फल, मिठाई सजानी चाहिए. साथ ही ईश्वर से भाई की लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए.

रिपोर्ट- आमिर

Source : News Nation Bureau

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