Numerology Numbers: अंक ज्योतिष एक ऐसा प्राचीन विज्ञान है जो संख्याओं को जीवन के अलग-अलग पहलुओं से जोड़ता है. यह मानता है कि प्रत्येक संख्या एक विशिष्ट ऊर्जा और कंपन से जुड़ी होती है जो हमारे व्यक्तित्व, भाग्य और जीवन की घटनाओं को प्रभावित करती है. अंक ज्योतिष को ही न्यूमेरोलोजी भी कहते हैं. इसमें मूलांक और भाग्यांक का विशेष महत्व होता है. ये दोनों अंक व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं और उसकी व्यक्तिगत विशेषताओं, भविष्य, और जीवन की दिशा को निर्धारित करने में मदद करते हैं.
मूलांक (Birth Number) का महत्व
मूलांक वह अंक होता है, जो आपकी जन्म तिथि के एकल अंक में आने पर प्राप्त होता है. अगर किसी व्यक्ति का जन्म किसी महीने की 1 से 9 तारीख के बीच हुआ है तो वही अंक उसका मूलांक होता है. अगर किसी की जन्म तिथि 10 से 31 के बीच है तो उस तारीख के अंकों का योग किया जाता है. उदाहरण के लिए अगर आपका जन्म 25 तारीख को हुआ है तो 2+5= 7, यानी आपका मूलांक 7 होगा.
मूलांक के महत्व
मूलांक से व्यक्ति की स्वभाविक विशेषताएं, जैसे उसकी पसंद, नापसंद, सोचने-समझने का तरीका, और सामाजिक व्यवहार का अनुमान लगाया जा सकता है. यह उसके व्यक्तित्व को समझने में मदद करता है. यह दिशा देता है कि उसे जीवन में किस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए और किन कार्यों से उसे सुख-संतोष प्राप्त होगा. व्यक्ति की आदतों और उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करता है, जैसे उसकी मानसिकता, निर्णय लेने की क्षमता, और चुनौतियों का सामना करने की योग्यता.
भाग्यांक (Life Path Number) का महत्व
भाग्यांक उस अंक को कहा जाता है, जो आपके पूरे जन्मतिथि (दिन, महीने और वर्ष) के अंकों का योग करके निकाला जाता है. उदाहरण के लिए, यदि आपकी जन्म तिथि 15-08-1990 है, तो इसे इस प्रकार जोड़ा जाएगा: 1 + 5 + 0 + 8 + 1 + 9 + 9 + 0 = 33, और फिर 3 + 3 = 6, तो आपका भाग्यांक 6 होगा.
भाग्यांक के महत्व
भाग्यांक व्यक्ति के जीवन के उद्देश्य और उसकी दिशा को दर्शाता है. यह बताता है कि किस तरह की चुनौतियाँ और अवसर आपके जीवन में आ सकते हैं और किस तरह से आपको जीवन में सफलता प्राप्त हो सकती है. इससे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति के जीवन में कौन से कालखंड महत्वपूर्ण होंगे और किस समय उसके लिए सफलता और समृद्धि के द्वार खुल सकते हैं. व्यक्ति के लिए कौन से करियर विकल्प और जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय सही होंगे ये भी भाग्यांक से पता किया जा सकता है. किस रास्ते पर चलकर उसे जीवन में संतुलन और सफलता मिलेगी आप ये भी भाग्यांक से जान सकते हैं.
मूलांक और भाग्यांक के बीच का संबंध
मूलांक और भाग्यांक दोनों व्यक्ति के जीवन में समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन उनके प्रभाव अलग-अलग होते हैं. मूलांक व्यक्ति की आंतरिक विशेषताओं, उसकी आदतों, और व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव डालता है, जबकि भाग्यांक उसके बाहरी जीवन, जीवन के उद्देश्य, और उसकी कार्यक्षमता पर केंद्रित होता है. मूलांक और भाग्यांक अंक ज्योतिष के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो जीवन के पहलुओं को समझने में मदद करते हैं. इनके आधार पर व्यक्ति अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकता है और अपने भविष्य की सही दिशा में कदम बढ़ा सकता है. दोनों अंकों का सही संतुलन व्यक्ति को मानसिक शांति और जीवन में सफलता की ओर ले जा सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)