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त्रिदेव पूजा क्या होती है, जानें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की एक साथ पूजा करने के लाभ और सही तरीका

Tridev Puja: ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की पूजा एक साथ बहुत कम लोग करते हैं और इसके महत्व के बारे में नहीं जानते. आइए जानते हैं त्रिदेवों की पूजा एक साथ कैसे करते हैं और इससे क्या लाभ मिलता है.

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Inna Khosla
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What is Tridev Puja know the benefits and correct way of worshiping Brahma Vishnu and Mahesh togethe

Tridev Puja( Photo Credit : news nation)

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त्रिदेव या त्रिमूर्ति हिन्दू धर्म में तीन मुख्य देवताओं को कहते हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश (शिव) हैं. ये तीन देवता सृष्टि, स्थिति, और संहार का कारण माने जाते हैं और हिन्दू धर्म में इस त्रिमूर्ति को महत्त्वपूर्ण माना जाता है. ब्रह्मा सृष्टि के देवता हैं और उन्हें ब्रह्मा विश्वकर्ता भी कहा जाता है. उनके चार मुख होते हैं, जिनमें से हर एक मुख एक वेद (रिग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद) को प्रतिनिधित्व करता है. ब्रह्मा विशेषता से सृष्टि के प्रक्रियाओं का निर्देश करते हैं. हिन्दू धर्म में उन्हें अदिवाराहण रूप में पूजा जाता है, लेकिन उनकी पूजा बहुत ही कम होती है. पालन और पोषणकर्ता विष्णु स्थिति के देवता हैं और उन्हें नारायण, केशव, जगन्नाथ, हरि, वासुदेव, राम, कृष्ण, आदि नामों से जाना जाता है. विष्णु जी ने धरती पर राम और कृष्ण के रूप में अवतार भी लिया था. उनके चतुर्भुज (चार हाथ) हैं और शंख-चक्र-गदा-पद्म के साथ दिखाया जाता है. संहारकर्ता महेश या शिव संहार के देवता हैं और उन्हें भोलेनाथ, नीलकंठ, महाकाल, रुद्र, शंकर, आदि नामों से जाना जाता है. वह ध्यान और समाधि का प्रतीक हैं और उन्हें सदाशिव कहा जाता है. शिव का तीसरा नेत्र त्रिनेत्र कहलाता है.त्रिदेवों की पूजा में भक्ति, श्रद्धा और आराधना का अहम् भाग है, और इन्हें एक साथ पूजने से माना जाता है कि इससे जीवन में संतुलन और शांति बनी रहती है.इन तीनों देवताओं की पूजा को त्रिदेव पूजा कहा जाता है, और आइए जानते हैं इसके लाभ और इसे करने का सही तरीका क्या है. 

त्रिदेव पूजा के लाभ  लाभ:

संतुलन स्थापित करना: त्रिदेव पूजा से हम ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के बीच संतुलन को समझते हैं, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है.

सृष्टि, स्थिति, और संहार का आदान-प्रदान: यह पूजा सृष्टि का आरंभ, पालन और पोषण, और संहार का प्रतीक होती है, जो समग्र जीवन की सिद्धि में सहायक होता है.

उद्दीपन और समर्थन: यह पूजा आत्मा की उन्नति, बुद्धि, और आध्यात्मिक विकास के लिए उद्दीपन करती है और व्यक्ति को दुर्बलता से बचाने में सहायक होती है.

त्रिदेव पूजा का सही तरीका:

ध्यान और आध्यात्मिक साधना: पूजा शुरू करने से पहले ध्यान और आध्यात्मिक साधना करें, जिससे मानवीय और आध्यात्मिक उन्नति हो.

त्रिदेव पूजा: ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की पूजा के लिए आप उनकी मूर्तियों को स्थापित कर सकते हैं या उनके चित्रों का उपयोग कर सकते हैं.

पूजा सामग्री: धूप, दीप, फूल, फल, नैवेद्य, और पूजा सामग्री का उपयोग करें.

मंत्र जाप और स्तुति: ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के लिए विशेष मंत्र जाप करें और उनकी स्तुति करें.

आरती: अखंड भक्ति रखने वाले व्यक्ति अखंड भगवान की आरती कर सकते हैं.

ध्यान और प्रार्थना: पूजा के अंत में ध्यान और प्रार्थना करें और त्रिदेव से आशीर्वाद मांगें.

अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं और इसमें श्रद्धा रखते हैं, तो त्रिदेव पूजा से आपको आत्मिक और मानवीय दृष्टि से लाभ हो सकता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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