Sawan 2024: सावन का महीना बड़ा ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. साथ ही इस महीने में भोले बाबा के भक्तों में उमंग और उत्साह देखा जाता है. सभी देवता गण ब्रह्मा, विष्णु के अलावा भगवान शिव को अपना आराध्य मानते है. सावन में भगवान शिव की पूरी श्रद्धा से पूजा पाठ करनी चाहिए. सावन में भोले बाबा को सुख- शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है. भस्म दो प्रकार की होती है -
महाभस्म
स्वल्पभस्म
त्रिपुंड तिलक क्या है?
त्रिपुंड में ललाट आदि सभी स्थानों में जो भस्म की तीन तिरछी रेखाएं बनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि त्रिपुंड को भौहों के मध्य भाग से लेकर जहां तक भौहों का अंत होता है, वहां तक त्रिपुंड ललाट पर धारण करना चाहिए.
कहां धारण करना चाहिए त्रिपुंड
त्रिपुंड मस्तक, ललाट, दोनों कान, दोनों आंखें,दोनों नासिका, मुख, कंठ, दोनों हाथ, दोनों कोहनी, दोनों कलाई, हृदय, दोनों पाश्र्वभाग, नाभि, दोनों अंडकोष, दोनों उरु, दोनों गुल्फ, दोनों घुटने, दोनों पिंडली और दोनों पैर ये 32 उत्तम स्थान हैं. जहां पर त्रिपुंड लगाना चाहिए. अगर आप इन जगहों पर तिलक नहीं लगा सकते हैं. तो आप मस्तक, दोनों भुजाओं, हृदय और नाभि इन सब जगहों पर तिलक लगा सकते हैं. वहीं त्रिपुंड शरीर के 32,16,8 या 5 स्थानों पर त्रिपुंड लगाना चाहिए.
ये भी पढ़ें - Sawan 2024: सावन में विशेष तरीके से करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार, भोले बाबा के साथ लड्डू गोपाल की भी बरसेगी कृपा
त्रिपुंड की हर रेखा में 9 देवता वास करते हैं
त्रिपुंड की पहली रेखा में अक्षर अकार, गार्हपत्य अग्नि, पृथ्वी, धर्म, रजोगुण, ऋृग्वेद, क्रियाशक्ति, प्रात:सवन और महादेव ये 9 देवता होते हैं.
वहीं दूसरी रेखा में उकार, दक्षिणाग्नि, आकाश, सत्वगुण, यजुर्वेद, मध्यंदिनसवन, इच्छाशक्ति, अंतरात्मा और महेश्वर ये 9 देवता होते हैं.
तीसरी रेखा में मकार, आहवनीय अग्नि, परमात्मा, तमोगुण, द्युलोक, ज्ञानशक्ति, सामवेद, तृतीय सवन और शिव होते हैं.
कैसे लगता है त्रिपुंड
आप बीच की तीन अंगुलियों में भस्म लेकर पूरी भक्ति से भोले बाबा की भसम अपने ललाट पर त्रिपुंड धारण करें.
देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10
Source : News Nation Bureau