Navratri Kalash: कलश नवरात्रि के दौरान स्थापित किया जाता है, जिसे घट स्थापना भी कहा जाता है. यह कलश देवी दुर्गा का प्रतीक होता है और इसे पूरे नौ दिनों तक पूजा स्थल पर रखा जाता है. कलश में जल के साथ आम के पत्ते, नारियल, और कभी-कभी जौ भी रखा जाता है, जो समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है. कलश विसर्जन के समय कुछ उपाय करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है.
कलश वाले पानी का क्या किया जाए?
- कलश का जल बेहद पवित्र माना जाता है. इसे पूरे घर में छिड़कने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
- अगर आपके घर में कोई पौधा या गमला हो, तो उस पौधे में इस जल को डालने से पौधे की वृद्धि में लाभ होता है. यह घर में समृद्धि और धन की वृद्धि का प्रतीक है.
- कलश की स्थापना जिन चावलों के ऊपर रखकर की जाती है उन्हें कलश उठाने के बाद पूरे घर में छिड़क दें. माना जाता है कि इससे धन की वर्षा होती है.
- कलश का जल विसर्जन करते समय मां दुर्गा का ध्यान करते हुए प्रार्थना करें कि घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे.
- अगर कलश के जल को किसी पवित्र नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है तो इसे पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है.
कलश विसर्जन कैसे करें?
कलश विसर्जन के दौरान विशेष ध्यान देने योग्य बातें ये हैं कि कलश को विसर्जित करते समय माँ दुर्गा से परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करें. पूजा के कलश में रखे नारियल और पत्तों को किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित करें, इन्हें अनादरपूर्वक न फेंकें. विसर्जन के बाद घर की साफ-सफाई करें और घर में गंगा जल का छिड़काव करें ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे. कन्या पूज के बाद कलश के जल से जुड़े उपाय और जौ विसर्जन नवरात्रि के समापन का महत्वपूर्ण भाग हैं. यह अनुष्ठान शक्ति, समृद्धि और माँ दुर्गा की कृपा को पाने के लिए किया जाता है. जल से भरे कलश का सही तरीके से विसर्जन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)