Baba Neem Karoli: बाबा नीम करोली के धाम की न सिर्फ भारत में बल्कि विश्वभर में प्रसिद्धि है. उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंची धाम पर हर दिन हजारों श्रद्धालू जाते हैं. दुनिया के हर कोने से यहां लोग शांति पाने के लिए आते हैं. बाबा नीम करोली के चमत्कार देख चुके लोगों की आस्था तो इस धाम पर अटूट है ही लेकिन जो लोग यहां अब भी जाते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण होती है वो भी यहां बार-बार आते हैं. मान्यता है कि आज तक जिसने में इस धाम पर सच्चे दिल और आस्था के साथ अर्जी लगायी है उसकी मनोकामना हनुमान बाबा के आशीर्वाद से पूरी जरूर हुई है.
कैंची धाम में नीम करोली बाबा को लोग तरह-तरह के प्रसाद अर्पित करते हैं और कुछ लोग साथ में कंबल भी चढ़ाते हैं. ये कंबल पंडित धाम पर रख लेते हैं, फिर बहुत ही भाग्यशाली लोग होते हैं जिन्हें ये कंबल भेंट स्वरूप प्रसाद में मिलता है. अगर किसी भक्त को धाम से ये कंबल मिल जाए तो मानिए कि उसकी किस्मत में चार चांद लग गए हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नीम करोली बाबा को चढ़ाए इस कंबल में उनका आशीर्वाद होता है. जब भी ये कंबल आपको मिले तो आप इसे सम्मानपूर्वक अपने घर ले आएं. जिस तरह से मंदिर में भगवान की पूजा करते हैं उसी श्रद्धा भाव से इस कंबल को आप ऐसे पवित्र स्थान पर रखें और सुबह शाम इसके सामने दीपक भी जलाएं. अगर आप ये मान लें कि ये कंबल नहीं साक्षात नीम करोली बाबा हैं तो ऐसा कहा जाता है कि साक्षात आपके साथ सदा रहते हैं.
घर का सदस्य अगर बीमार रहता है या उसे बुरी नज़र लगती है तो आप उसे एक बार इसे ओढ़ा दें. नीम करोली बाबा से उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना करेंगे तो आपकी ये मुराद भी पूरी होती है.
आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं तो साफ भाव से उनसे अपनी मनोकामना कहें. उनके आशीर्वाद से आपके काम बनने लगेंगे और आप तेजी से तरक्की के मार्ग की ओर अग्रसर होंगे.
जीवन में आने वाली बड़ी से बड़ी बाधा उनके आशीर्वाद से दूर होती है. आप किसी भी गलत काम को करने से बचते हैं और मेहनत के साथ सफलता को हासिल करने में कामयाब होते हैं.
कुछ लोग बाबा नीम करोली धाम से मिले इस कंबल को अपने घर के मुख्यद्वार पर भी रखते हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे घर में कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती और घर में खुशियां सदा बनी रहती हैं.
अगर आप इस कंबल के प्रति उतनी आस्था नहीं रखते तो आप इसे किसी को दे दें या फिर आश्रम में वापस कर आएं लेकिन इसे इधर-उधर न फेंके.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)