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Ashadh Amavasya: आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या दान करें और क्या दान ना करें 

Ashadh Amavasya: अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए ये शास्त्रों में बताया गया है. इस दिन कुछ विशेष चीजों को दान करने और न करने के बारे में भी बताया गया है.

Updated on: 05 Jul 2024, 11:15 AM

नई दिल्ली:

Ashadh Amavasya: अमावस्या, हिंदू पंचांग में 15 दिनों के चंद्र चक्र का पहला दिन होता है, जब चंद्रमा सूर्य के इतना करीब होता है कि पृथ्वी से दिखाई नहीं देता. अमावस्या को आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिकता का समय माना जाता है.  इस दिन, लोग अपने कर्मों पर चिंतन करते हैं और गलतियों के लिए माफी मांगते हैं.  कहा जाता है कि इस दिन किए गए दान और पुण्य अत्यंत फलदायी होते हैं. इस दिन, लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं और भगवान विष्णु या शिव की पूजा करते हैं.  कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से मन शुद्ध होता है और पापों का नाश होता है. लोग अपने पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके लिए तर्पण करते हैं.  कहा जाता है कि इस दिन किए गए तर्पण पितरों को तृप्त करते हैं.

अमावस्या के दिन क्या दान करें ? 

कई धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अमावस्या का दिन शुभ माना जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. भगवान विष्णु, शिव या देवी लक्ष्मी की पूजा करने के लिए घर के मंदिर को साफ करें और दीप प्रज्वलित करें. हर महीने आने वाली अमावस्या को अनाज, फल, वस्त्र या धन का दान करना शास्त्रों में पुण्यकारी बताया गया है. इस दिन जरूरतमंदों की मदद करने वालों और गायों को भोजन कराने वाले लोगों के सब कष्ट दूर होते हैं. शांत जगह पर बैठकर अमावस्या के दिन ध्यान करें और "ॐ नमो नारायणाय" या "ॐ शिवाय नमः" जैसे मंत्रों का जाप करें. जितना हो सके आप मन को शांत करें और नकारात्मक विचारों से मुक्त करें. पितरों को श्रद्धांजलि दें और उनके लिए तर्पण करें.

अमावस्या के दिन गेहूं, चावल, दाल, मूंग, मसूर, चना आदि अनाज का दान करें। आप इन अनाजों को गरीबों, ब्राह्मणों या गौशालाओं में दान कर सकते हैं। केला, सेब, संतरा, मौसमी फल आदि का दान गरीबों या मंदिरों में करना चाहिए. गरीबों, अनाथालयों या वृद्धाश्रमों में अन्न, जल, धन और वस्त्रों का दान करना सबसे पुण्यकारी बताया गया है. 

अमावस्या के दिन क्या दान न करें ?

अमावस्या के दिन मांस, मदिरा और अन्य मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. यह दिन सात्विक भोजन का दिन होता है. किसी को गाली न दें और नकारात्मक शब्दों और विचारों से दूर रहें. अमावस्या के दिन क्रोध और हिंसा से बचना चाहिए और शांत, धैर्यवान रहना चाहिए. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन यौन संबंध नहीं बनाने चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दिन गलती से भी लंबी यात्रा न करें और जुआ नहीं खेलें. ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन किसी से उधार लेना या किसी को उधार देने से भविष्य में कई गुना धन हानि होती है.

अमावस्या के दिन नमक का दान अशुभ माना जाता है. ऐसा इसलिए माना जाता है कि नमक में राहु ग्रह का प्रभाव होता है, और राहु ग्रह को अशुभ ग्रह माना जाता है. काले रंग की वस्तुएं, जैसे कि काले कपड़े, काले बर्तन आदि का दान अमावस्या के दिन नहीं करना चाहिए क्योंकि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है. उपयोग में ली गई वस्तुएं, जैसे कि पुराने जूते, चप्पल, कपड़े आदि का दान अमावस्या के दिन नहीं करना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)