Pichle Janam Me Kya The: समुद्र शास्त्र के अनुसार आपकी हथेली में ऐसे कई संकेत पहले से ही होते हैं जो आपके पिछले जन्म की स्पष्ट जानकारी देते हैं. इस ज्योतिषीय विद्या के अनुसार हर व्यक्ति के अंदर एक भगवान-प्रदत्त प्रतिभा होती है. यह प्रतिभा कभी-कभी व्यक्ति को बहुत मान-सम्मान दिलाती है और कभी-कभी वही प्रतिभा अपमान और कठिनाइयां भी लेकर आती है. अब सवाल यह उठता है कि हम यह कैसे जानें कि व्यक्ति पिछले जन्म में क्या था. इस बात की जानकारी हमारी "मस्तिष्क रेखा" यानी ब्रेन लाइन से मिलती है. मस्तिष्क रेखा से यह पता चलता है कि व्यक्ति ने पिछले जन्म में कैसा व्यवहार किया था और वह क्या था - एक देवता, इंसान, गंधर्व या किसी अन्य रूप में. यदि आप इस विषय में रुचि रखते हैं, तो इस वीडियो में बताए गए बिंदुओं पर ध्यान दें.
मस्तिष्क रेखा और पिछले जन्म की जानकारी
अगर आपकी मस्तिष्क रेखा नीचे की ओर झुकी हुई है और चंद्र पर्वत की ओर जाती है तो इसे बहुत शुभ माना जाता है. इस रेखा के दो सिरे आगे की ओर बढ़ रहे हों, तो यह और भी शुभ होता है. जिनकी मस्तिष्क रेखा नीचे की ओर झुकी होती है, वे पिछले जन्म में देवता, पितर या बहुत ही संस्कारित मनुष्य थे. ऐसे लोग अपने पिछले जन्म की अधूरी बातों को पूरा करने के लिए इस जीवन में आए होते हैं. अगर आपकी मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत की ओर न जाकर, बुध पर्वत की ओर ऊपर की ओर जाती है तो यह संकेत देता है कि पिछले जन्म में आप मानव नहीं थे. आपका जन्म अन्य प्रजातियों में हुआ था जैसे जानवर, पेड़, या कीड़े-मकोड़े.
पूर्व जन्म के संस्कार और इस जन्म का शरीर
बहुत से लोग अपने पिछले जन्म के संस्कारों को इस जन्म में धारण करते हैं. उदाहरण के लिए, जो लोग शराब पीकर गंदी जगहों पर जाते हैं या गंदे लोगों के साथ रहते हैं ये संस्कार उनके पिछले जन्म के होते हैं. ऐसे लोग पिछले जन्म में गंदे प्राणियों, विशेषकर सुअर की योनि में थे.
भक्तिपूर्ण लोग और उनका पूर्व जन्म
जो लोग इस जीवन में बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक होते हैं वे पिछले जन्म में भगवान के बहुत बड़े भक्त थे. उनके पिछले जन्म की भक्ति इस जन्म में भी दिखाई देती है. भगवान ने उन्हें यह मानव रूप फिर से दिया है ताकि वे अपनी भक्ति को पूरा कर सकें. जो लोग इस जीवन में जो भी कमाते हैं उसे दूसरों की सेवा में लगा देते हैं वे पिछले जन्म में देवताओं के समान थे. उनके पिछले जन्म के संस्कार इस जन्म में भी दिखाई देते हैं और वे इस जन्म में भी दानशीलता का पालन करते हैं.
शारीरिक दोष और पूर्व जन्म के कष्ट
जो लोग जन्म से शारीरिक रूप से विकलांग होते हैं, उनके अंग टूटे हुए होते हैं यह इस बात का संकेत है कि उन्होंने पिछले जन्म में बहुत कष्ट झेला था. ऐसे लोग नरक की यातनाओं से गुजरने के बाद 84 लाख योनियों में भटकते हुए इस जीवन में आते हैं. कुछ लोग जिनका जन्म तो स्वस्थ शरीर के साथ होता है लेकिन बाद में किसी दुर्घटना में उनके अंग टूट जाते हैं या शरीर के किसी हिस्से को नुकसान पहुंचता है, यह भी इस बात का संकेत है कि पिछले जन्म में उनके कर्मों के कारण उन्हें इस जीवन में यह कष्ट सहना पड़ रहा है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)