Sawan 2023: सावन के महीने में रुद्राक्ष पहनने के महत्त्व है. अगर आप पहली बार रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं तो आपके लिए ये जानना जरुरी है कि इसका सही तरीका क्याह है. रुद्राक्ष पहनने से लेकर इसके बाद भी इसके कई नियम है. महाकाल शिव की कृपा पाने के लिए पहने जाने वाला रुद्राक्ष अगर सही विधि-विधान से धारण ना किया जाए तो इसके परिणाम विपरीत भी हो सकते हैं. हालांकि रुद्राक्ष को धारण करने का विधि और समय धर्म, परंपरा और व्यक्तिगत आधार पर अलग-अलग हो सकती है. हम आपको एक आम विधि बता रहे हैं, जो रुद्राक्ष को धारण करने के लिए शास्त्रों में बतायी गयी है.
- पहले तो समझ लें कि आपको किस प्रकार के रुद्राक्ष का धारण करना है, क्योंकि विभिन्न मुखों वाले रुद्राक्ष में अलग-अलग गुण और फायदे होते हैं.
- धारण करने से पहले, रुद्राक्ष को सुबह-सवेरे गंगा जल या पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर मिलाकर बनाया गया मिश्रण) में धोकर शुद्ध कर लें.
- रुद्राक्ष की माला बनाने के लिए, मूल्यांकन और संख्या के अनुसार चार कोने को धागे से पार करके सूत्र में पिरो दें.
- रुद्राक्ष माला को धारण करते समय, अपने बाएं हाथ को उँगलियों सहित स्पर्श के साथ धारण करें.
- रुद्राक्ष का धारण संध्याकाल या पूर्वाह्न के समय अधिक फलदायी माना जाता है.
- रुद्राक्ष माला को धारण करते समय, ध्यान और भक्ति के साथ मंत्र जप कर सकते हैं जैसे "ॐ नमः शिवाय" या रुद्राक्ष के अनुसार कोई अन्य मंत्र.
- ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को धारण करने के दौरान आपको शुचिता और नेत्रविहीनता का ध्यान रखना चाहिए.
यहां दिए गए विधि को अपनाकर आप रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं. ध्यान रखें कि रुद्राक्ष का धारण व्यक्तिगत स्तर पर होता है और आपको धार्मिक अनुष्ठान और विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होगा. सावन के महीने में रुद्राक्ष पहनना शुभ होता है लेकिन आप अगर इसे पहली बार पहनने वाले हैं तो इसे कम से कम 1 हफ्ता अपनी जेब में रखकर देखें. इससे मिलने वाले संकेतों के बाद ही इसे धारण करना लाभदायक होता है. आप किसी विद्वान की सलाह लिए बिना इसे धारण ना करें.
Source : News Nation Bureau